माता पिता का सम्मान “बेटियाँ” (Betiyan Story in Hindi)
राजेश अपने बड़े भाई और भाभी से मिलने के लिये उनके घर गया और बड़ी ख़ुशी से उनको बोला भैया और भाभी लो मुह मीठा करो, हमारी एक और बेटी हुई है, ये सुन कर राजेश की भाभी बोली इस बार भी बेटी हुई है, राजेश बोला हाँ भाभी अब तो दो दो लक्ष्मी हैं मेरे घर में, और राजेश ने अपने भाभी के हाथ में मिठाई का डिब्बा देते हुए कहा।
डिब्बा लेते हुये राजेश की भाभी बोली पैसे लुटाना अब बंद करो और कुछ सेविंग करो, 2-2 बेटी हैं, उनकी शादी में काम आएगा. इस बात पर राजेश बोला भाभी “बेटियां अपना भाग्य” ख़ुद लेकर आती हैं। राजेश के जाने के बाद उसकी भाभी मन ही मन खुश हो रही थी क्यूंकि उसके 2 बेटे थे।
एक दिन राजेश अपने बड़े भाई के घर एक कार्ड लेकर गया और भाभी के हाथ में कार्ड देकर बोला कि 2 दिन बाद उनके घर में पार्टी है उसके लिये उनको आना है. उसककी भाभी ने खा ठीक है हम आ जायेंगे।
लेकिन राजेश ये तो बताओ की किस बात की पार्टी है, तो राजेश बोला भाभी मेरी छोटी बेटी घर आ रही है, डॉक्टर बन कर, तो उसके आने पर पार्टी रखी है. और राजेश अपने घर आ गया।
अब पार्टी का दिन आ गया, सुमन जो राजेश की पत्नी थी, उसके पास गायत्री आई, और अपनी माँ के पास वो ही पुरानी साडी देख कर बोली माँ आज आप यही पहनोगी रात की पार्टी में, तो सुमन अपनी बेटी को हाँ बोली. तो गायत्री ने दीदी को आवाज लगाई।
दीदी यंहा आओ गायत्री की बड़ी बहन आई जिसका नाम कविता था, और गायत्री अपनी बड़ी बहन से बोली देखो ना दीदी मम्मी आज भी पुरानी साड़ी पहन रही हैं. और ना ही मेकअप कर रही हैं. तो कविता अपनी मम्मी से बोली “मम्मी चलो हमारे साथ” और तीनो माँ बेटियां बाज़ार चली गई।
कविता और गायत्री ने अपनी माँ के लिये अच्छी सी साड़ी ली और कुछ देर बाद ब्यूटी पारलर में भी गई माँ के साथ, और माँ को अच्छे से तैयार करवा कर घर आ गये।
रात के 8 बज गये थे और सभी मेहमान भी आ गये थे. राजेश, उसकी पत्नी और दोनों बेटियां भी तैयार होकर पार्टी में आ गये थे, पार्टी भी शुरु हो गई थी. और सभी राजेश और उनके परिवार से मिल रहे थे. और परिचय करवा रहे थे. राजेश के बड़े भाई का पूरा परिवार भी पार्टी में आया हुआ था. और राजेश के परिवार को देखकर जल रहे थी, अभी बातें ही चल रही थी, कि गायत्री और कविता अपने माँ और पिता को बोली कि पापा हम दोनों ने आपके लिये सरप्राइज है।
जो हम आपको आपकी Marriage Anniversary का Gift है, आप हमारे साथ बाहर तो चलिये.
दोनों बेटियां गायत्री और कविता अपने माता पिता को घर के बाहर ले आयी. सब लोग भी पीछे पीछे आये. घर के बाहर एक लम्बी सी गाड़ी कड़ी थी. गायत्री अपने माँ और पिता से बोली मम्मी ये रहा आप दोनों का Gift. ये सब देखकर गायत्री और कविता के माता पिता बहुत खुश हुए।
गायत्री अपने पापा से बोली “ पापा आज तक आपने स्कूटर कके अलावा कुछ नहीं खरीदा आज से आप और मम्मी को कार में लेकर घूमोगे।
राजेश की भाभी भी ये सब देख रही थी, और अपने बगल में खड़े अपने दोनों बेटों को बोली कुछ तो शर्म करो. तुम्हारी चचेरी बहन इतनी सफल हैं और तुम कुछ काम नहीं करते कुछ सीखो उनसे.
राजेश की भाभी राजेश से बोली “ देवर जी आपने सही कहा था बेटियां अपना भाग्य लेकर आती हैं”.
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