कृष्ण जन्माष्टमी 2023 पूजा विधि, महत्व | Krishna Janmashtami 2023 Worship Method, Significance in Hindi

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कृष्ण जन्माष्टमी समारोह: घर पर जन्माष्टमी कैसे मनाएं

(Krishna Janmashtami 2023 Worship Method, Significance in Hindi)

कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाई जाती है। यह आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के अगस्त या सितंबर के महीने में आता है। इस साल जन्माष्टमी 07 सितम्बर को मनाई जायेगी।

कृष्ण जन्माष्टमी 2023: इतिहास (Krishna Janmashtami History)

यह दिन भगवान श्री कृष्ण के जन्म को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है, जिन्हें भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है। जन्माष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।

Krishna-Janmashtami-2022

दुनिया भर में भगवान कृष्ण के भक्त इस दिन को खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। लोग अपने घर को सजाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। यहां कुछ और तरीके दिए गए हैं जिनसे आप घर पर जन्माष्टमी मना सकते हैं। यहां आपके लिए घर पर जन्माष्टमी मनाने के कुछ उपाय दिए गए हैं।

एक रंगोली बनाओ (Make a Rangoli)

रंगोली एक ऐसी चीज है जिसे आप किसी भी त्योहार पर बना सकते हैं। यह हमेशा आपके घर की खूबसूरती में चार चांद लगाता है। इस जन्माष्टमी पर आप त्योहार से जुड़ी कुछ कोशिश कर सकते हैं, जैसे कृष्ण का झूला, दही हांडी आदि।

अच्छा खाना तैयार करें (Prepare Good Food)

भोजन और त्यौहार एक ऐसी चीज है जो हमें हमेशा साथ लाती है। आप और आपका परिवार एक साथ विशेष भोजन बनाकर घर पर ही जन्माष्टमी मना सकते हैं।

कृष्ण की तरह पोशाक (Wear a Dress like Krishna)

आप एक ऐसी पार्टी का आयोजन कर सकते हैं जहां सभी बच्चे कृष्ण, राधा और अन्य पौराणिक पात्रों की तरह तैयार हो सकें।

मूवीज़ देखिए (Watch Movies)

इस जन्माष्टमी पर आप भगवान कृष्ण से जुड़ी फिल्में देख सकते हैं। उनकी कहानी पर आधारित कई एनिमेटेड, गैर-एनिमेटेड फिल्में हैं।

कृष्ण जन्माष्टमी 2023 पूजा विधि और महत्व (Krishna Janmashtami 2023 Puja Method and Significance)

इस साल जन्माष्टमी 07 सितम्बर को मनाई जायेगी। कृष्ण जन्माष्टमी हर साल भगवान विष्णु के नौवें अवतार भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को कृष्णम जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

जन्माष्टमी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का समय 

भाद्रपद अष्टमी तिथि पर भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल जन्माष्टमी 07 सितम्बर को मनाई जायेगी। जन्माष्टमी पर निशीथकाल में पूजा करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस बार निशीथकाल का समय रात के 12 बजकर 03 मिनय से 12 बजकर 47 मिनट तक है। ऐसे में पूजा के लिए 44 मिनट का शुभ मुहूर्त है। 

कृष्ण जन्माष्टमी: पूजा विधि (Krishna Janmashtami: Worship Method)

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के भक्त उपवास रखते हैं। स्नान करने के बाद, वे मंदिर की सफाई करते हैं और इसे भगवान कृष्ण की मूर्ति के चारों ओर सजाते हैं।

समारोह मध्यरात्रि में भगवान कृष्ण के जन्म के बाद शुरू होता है। कृष्ण के भक्त इस घटना को खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। लोग कृष्ण भजन गाते हैं, मूर्तियों को नए कपड़े पहनाते हैं, कृष्ण के पालने को हिलाते हुए उन्हें चरणामृत चढ़ाते हैं।

हिंदू पौराणिक कथाओं में इस दिन का बहुत महत्व है और दुनिया भर में भगवान कृष्ण के भक्तों द्वारा मनाया जाता है। वे इस शुभ दिन को मंदिरों, अपने घरों और अन्य आम सार्वजनिक स्थानों को सजाकर मनाते हैं। बच्चों को भगवान कृष्ण और अन्य पौराणिक चरित्र के रूप में तैयार किया जाता है।

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, जन्माष्टमी वह दिन है जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए इसे कृष्ण जन्माष्टमी और गोकुलाष्टमी भी कहा जाता है।

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