औरत पर हमारे समाज़ की सोच
(Society's Thinking on Woman in Hindi)
दोस्तों आज हम एक अलग ही टॉपिक पर बात कर रहे हैं जो की आज के समाज मे कंही न कंही दिखाई देती है!आज हम बात कर रहे हैं, औरत पर समाज की सोच, Society's Thinking on Woman in Hindi.
आज हम देखते हैं, पूरा समाज बोलता है, कि औरत को आगे बढ़ाओ उसे पढ़ाओ, लिखाओ बहुत अच्छी बात है। लेकिन इस बात ये पता चलता है की नारी कमजोर है, उसे सहारे की जरूरत है, उसे ये बोला जाता है। बचपन से ही की तुमने दूसरे के घर जाना है सब काम सीखो, ताकि ससुराल मे हमे तेरे कारण अच्छा सुनने को मिले। यही सोच हम लड़के को क्यों नहीं देते वो भी वो जॉब के लिये बाहर जाता है।
उसे तो बल्कि और समझना चाहिये, क्यूंकि उसे समाज मे ज्यादा जाना जाता है एक महिला से ज्यादा, ऐसी सोच हमारी आज के समाज की है, जो लड़का और लड़की मे भेद भाव करते हैं। बल्कि अब तो बेटी और बहू में भी भेद भाव करते हैं।
बहू और बेटी को एक समान समझो, एक दूसरे के घर जाएगी, और एक आप के घर आएगी, दोनों को सम्मान, और प्यार दो, दोनों की अलग भूमिका होती है। हमारे समाज में जैसे बेटी को अपना मानते हो वैसे ही बहू को अपनी बेटी के सामान मानो, ऐसा करने से सब से पहले आप के घर की बाद मे समाज की एक अच्छी और मजबूत नींव रखी जा सकती है।