खुशियों का संसार है परिवार
(Khushiyon Ka Sanshar Pariwar in Hindi)
आज के समय मे ख़ुशीओं का संसार नहीं मिलता क्यूंकि उसे व्यक्ति बहार की दुनिया मे ढूंढता है, जब कि वो उसे खोजने की जरूत जी नहीं है, क्यूंकि वो तो उसे उसके ही परिवार मे मिलेगा, समय आज बदल गया है।
हम सभी अपनी ही जरूरत मे सिमित हो गये हैं, बाहर और मन की ख़ुशी देख भी नहीं पाते, समय तो चलता रहता है, लेकिन हमे इतनी फुरसत ही नहीं है, हम अपने परिवार को भी एक अच्छा समय दे सकें, और कुछ हंसी ख़ुशी के पल भी बिता पायें।
जो हमे बाहर की दुनिया में कभी नहीं मिलेगा, आज के इस समय में लोग अपनों को भूलते जा रहे हैं, और तकनिकी दुनिया में इस क़दर समा चुके हैं की उनको अपनों की कोई खबर ही नहीं है, वो भले पूरी दुनिया से जुड़ जायें लेकिन अपनों से कब जुदा हो गये उनको पता ही नहीं चला।
इस कारण परिवार में कभी भी शांति और अपनों का मोल आज हम खोते जा रहे हैं, सभी को ऐसा कुछ करना चाहिये कि वो खुद दूर रहे लेकिन उसकी कमी और प्यार को दूसरा महसूस करे, जो दूर रह कर भी दिल और मन मे सबसे करीब हो वो ही सच्ची दौलत है, वो दौलत अपनों और परिवार की ही होगी और हमेशा रहेगी, परिवार की खुशियों में ही जीवन की असली ख़ुशी और शांति है।
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