MORAL STORY “ जीवन का दर्पण ”
नमस्कार दोस्तों आज की नई लघु नैतिक कहानी है "जीवन का दर्पण"। यहाँ हिंदी में सर्वश्रेष्ठ नैतिक कहानियों का संग्रह है। नीचे हम हिंदी में लिखी गई बहुत ही रोचक नैतिक कहानियां साझा कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि आपको यह हिंदी कहानी संग्रह पसंद आएगा।
मित्रों! यह एक ऐसा Platform है, जहां हम समय समय पर एक ऐसे ही Short Moral Story Hindi
में Share करते हैं! जो व्यक्ति को एक नैतिक सीख देती है और जीने
की कला सिखाती है।
INTERESTING MORAL STORY “ जीवन का दर्पण ”
एक बार की बात हैं जब ऑफिस के सभी कर्मचारी ऑफिस पहुँचे, तो सभी कर्मचारीयों को दरवाजे पर एक चिपकी हुई पर्ची दिखाई दी। उस पर्ची पर लिखा था कि– कल उस व्यक्ति की मौत हो गई, जो कंपनी में आपकी कार्य में बाधक था। उसे श्रद्धांजली देने के लिए सेमिनार हाल में एक सभा आयोजित की गई है, ठीक 12 बजे। तथा श्रद्धांजली सभा में सभी को उपस्थित होना अनिवार्य है।अपने एक सहकर्मी की मौत की खबर पढ़कर पहले तो सभी दु:खी हुए लेकिन किसी को यह नहीं पता था की वह कौन हैं। सभी कर्मचारी को जिज्ञासा उत्पन्न होने लगी कि आखिर वह कौन था, जो हमारे और कंपनी की प्रगति में बाधक था?
12 बजे सेमिनार हाल में सभी कर्मचारियों का आना
प्रारंभ हो गया. धीरे-धीरे वहाँ बहुत भीड़ जमा हो गई कि उसे नियंत्रित करने के लिए सिक्यूरिटी गार्ड की व्यवस्था करनी पड़ी। लोगों का आना
लगातार जारी था और लोगों की भीड़ बढ़ती ही जा रही थी, सेमिनार हॉल में
हलचल भी काफी बढ़ गई थी।
तथा सभी के दिमाग
में बस एक ही प्रश्न चल रहा था कि आखिर वह कौन था जो कंपनी में मेरी प्रगति पर
लगाम लगाने पर तुला हुआ था?
चलो,अच्छा ही हुआ कि वह मर गया। जैसे ही श्रद्धांजली सभा प्रारंभ हुई, तो एक-एक करके सभी कर्मचारी कफ़न के पास जाने लगे। पास में जाते ही वे कफ़न के अंदर देखते तो , उनका चेहरा फिका पड़ जाता। मानो उन्हें सदमा सा लग गया हो।
चलो,अच्छा ही हुआ कि वह मर गया। जैसे ही श्रद्धांजली सभा प्रारंभ हुई, तो एक-एक करके सभी कर्मचारी कफ़न के पास जाने लगे। पास में जाते ही वे कफ़न के अंदर देखते तो , उनका चेहरा फिका पड़ जाता। मानो उन्हें सदमा सा लग गया हो।
क्योंकि उस कफ़न के
अंदर एक दर्पण रखा हुआ था जो भी उसमें झांककर देखता, उसमें उसे अपना ही
सक्ल (प्रतिबिम्ब) नजर आता था और उस दर्पण पर एक पर्ची भी चिपकी हुई थी।
जिस पर लिखा था केवल एक ही व्यक्ति आपकी प्रगति में बाधक है और वह हैं आप खुद।
जिस पर लिखा था केवल एक ही व्यक्ति आपकी प्रगति में बाधक है और वह हैं आप खुद।
आप ही वो व्यक्ति
है, जो अपनी ख़ुशी, अपनी समझ और अपनी
सफलता को प्रभावित कर सकते है आप ही वो व्यक्ति है, जो अपने जीवन में
क्रांति उत्पन्न कर सकते है. आप ही वो व्यक्ति हैं, जो अपनी खुद की
मदद कर सकते है।
आपका जीवन कभी
नहीं बदलता हैं , जब आपके दोस्त बदल जाते है; आपका मालिक बदल जाता है; आपके पार्टनर या साथी बदल जाते है।
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आपका जीवन तो तब
बदलता है-जब आप खुद बदल जाते है। जब आप अपने खुद के
विश्वास की सीमा को लांघकर उसके पार जाते है, जब आप ये समझ जाते
है कि आप और सिर्फ आप अपने जीवन के लिए जिम्मेदार है, तब आपका जीवन बदल जाता है।
Moral:- सबसे महत्वपूर्ण रिश्ता जो आपका किसी के साथ है, तो वो आपका खुद से है।
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