अवनि लखेरा का जीवन परिचय, (भारतीय पैरा-एथलीट, पैरालंपिक) | Avani Lekhara Biography, Age, Family in Hindi

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 अवनि लखेरा का जीवन परिचय (भारतीय पैरा-एथलीट, पैरालंपिक)

Avani Lekhara Biography, Age, Family in Hindi

अवनि लखेरा ने टोक्यो पैरालंपिक 2021 आयोजित प्रतियोगिता में भारत के लिए गोल्ड मैडल जीत लिया है। कहते हैं, जिनके होसलों में उड़ान होती है, उनको अपने पंखों की कोई फ़िक्र नहीं होती है वैसे ही हैं अवनि लखेरा, जिन्होंने अपनी लगन और कोशिश से भारत के लिए गोल्ड मैडल जीता है।  

20 साल की अवनि लेखरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक पर निशाना लगाया। जिसमे उन्होंने  249.6 अंक हासिल किये। और अवनि लेखरा ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल की पी-3 एसएच-1 स्पर्धा में कांस्य पदक भी जीता है। 

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सारे भारत देश को अवनि लखेरा पर गर्व है, अवनि लखेरा की जिंदगी बहुत ही चुनौतियों से भरी हुई थी और इन्होने अपनी साहस,मेहनत और लगन के दम पर बल पर गोल्ड मैडल जीता और भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। 

पैरालंपिक के इतिहास में अवनि लखेरा चौथी भारतीय एथलीट है, जिन्होंने भारत के लिए गोल्ड मैडल जीता है। इससे पहले पैरालंपिक में भारत के लिए गोल्ड मैडल जितने वाले खिलाड़ी मुरलीकांत पेटकर, देवेन्द्र झाझड़िया, मरियप्पन थान्गावेलु हैं।

अवनि लखेरा का जीवन परिचय (Avani Lakhera Biography in Hindi)

नाम:                        अवनि लखेरा

जन्म:                       8 नवंबर 2001

जन्म स्थान:              जयपुर

उम्र:                        21 साल (2023)

लम्बाई (हाइट):        5.2 फीट

वजन:                      55 किग्रा

पिता का नाम:          प्रवीण लखेरा

माता का नाम:          श्वेता लखेरा

कोच का नाम:          चन्दन सिंह, सुभाष राणा एवं जेपी नौटियाल

अवनि लखेरा का जन्म एवं परिवार (Avani Lakhera Birth and Family in Hindi)

अवनि लखेरा का जन्म एक सामान्य परिवार में 8 नवंबर 2001 को राजस्थान के जयपुरशहर  में हुआ। अवनि के पिता का नाम प्रवीण लखेरा और माता का नाम श्वेता लखेरा है।

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अवनि लखेरा आखिरकार व्हीलचेयर पर कैसे आई?

अवनि लखेरा और इनके पिता कार से जयपुर से धोलपुर जाते समय साल 2012 में सड़क दुर्घटना में घायल हो गयी, जिसमे उनके पिता भी घायल हो गए थे। कुछ समय बाद के बाद अवनि के पिता स्वस्थ हो गए थे लेकिन, अवनि की रीड की हड्डी में ज्यादा चोट लगने के कारण उन्हें सही से खड़े होने में भी परेशानी होने लगी और ठीक से चलने में असमर्थ दिखाई दीं।

इस दौरान अवनि के मन बहुत निराशा आ गई थी, लेकिन उनके माता-पिता ने अवनि को प्रेरित किया कि वो जीवन में बहुत कुछ हासिल कर सकती हैं. अपने माता पिता का साथ पाकर और अपने अधिक कठोर प्रयासों से उन्होंने इस उपलब्धी को पाया है, जिससे आप सभी को और सारे भारत देश को उनके ऊपर नाज है।

अवनि लखेरा की प्रेरणा का श्रोत

इतने बड़े सड़क हादसे के बाद अवनि का सहस टूट चूका था, इससे उबरने के लिये उनके पिता ने उनको अभिनव बिन्द्रा की बायोग्राफी की किताब उनको दी, जिसे पढ़कर उनके अंदर आत्मविश्वास का संचार हुआ और अवनि अभिनव बिन्द्रा की बायोग्राफी से वह इतनी ज्यादा प्रेरित हुई, कि उन्होंने निशानेबाजी को ही अपनी जिंदगी का लक्ष्य चुन लिया। 

वह घर के समीप ही शूटिंग रेंज पर जाकर निरंतर अभ्यास करने लगी। इसमें उनके कोच चन्दन सिंह ने अहम् भूमिका निभायी और हमेशा ही अवनि का उत्साहवर्धन किया। गोल्ड मैडल के रूप इसका फल अवनि को जी नहीं वरन पुरे भारत को मिला है।

अवनि लखेरा के कोच (Avani Lakhera Coach Name in Hindi)

अवनि लखेरा ने आज जो मुकाम हासिल कर लिया है, इसका श्रेय ख़ास तौर पर उनके कोच को जाता है। अवनि लखेरा के कोच चन्दन सिंह ही वह इंसान हैं जिन्होंने अवनि के व्हीलचेयर पर आने से निराश हो जाने पर समय समय पर अवनि को प्रोत्साहित किया और जिसने अवनि को अपना पूरा ध्यान शूटिंग में रखने में मदद की।

अवनि लखेरा टोक्यो पैरालंपिक 2021 सफलता (Avani Lakhera  Success in Hindi)

अवनि लखेरा ने टोक्यो पैरालंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में 249.6 पॉइंट स्कोर करके भारत को गोल्ड मैडल दिला दिया है। और अवनि लेखरा ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल की पी-3 एसएच-1 स्पर्धा में कांस्य पदक भी जीता है। 

इससे पहले अवनि ने क्वॉलिफिकेशन राउंड में 7वें स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बनाई थी। अवनि पैरालंपिक में मैडल जीतने वाली तीसरी शूटर भी हैं।

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