बसंत पंचमी 2023 पर्व तिथि व सरस्वती पूजा मुहूर्त
वसन्त पंचमी उत्तर भारत का प्रसिद्ध त्योहार है। यह त्योहार हिन्दूओं का है, कुछ हिन्दू इस त्योहार को सरस्वती पूजा के नाम से जानते है। वसंत पंचमी को खुशहाली का त्योहार भी कहा जाता है। यह एक ऐसा त्योहार है, जो वसंत के आगमन की प्रांरभिक तैयारियों को चिह्नित करता है। जो भारत में अलग अलग क्षेत्रों में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। यह त्योहार माघ के महीने की शुक्ल पंचमी के दिन, प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।
वसंत पंचमी
को होली के त्योहार की तैयारी का प्रतीक भी माना जाता है, जो कि इसके 40
दिन बाद आती
है। वसंत पंचमी में विष्णु और काम देव की पूजा भी की जाती है। शास्त्रों में बसंत
पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है। पुराणों-शास्त्रों तथा अनेक
काव्यग्रंथों में भी अलग-अलग ढंग से वसंत पंचमी का उल्लेख मिलता है। माँ सरस्वती
की पूजा करने से अज्ञान भी ज्ञान की दीप जलाता हैं।
इस दिन लोग
अपने घरों में पील रंग के व्यंजन बनाते है, कुछ पीले रंग
के चावल बनाते है तो कुछ केसर का उपयोग करते है।
सरस्वती को
वागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा
जाता है। माँ सरस्वती को विद्या और बुद्धि प्रदाता माना जाता है। संगीत की
उत्पत्ति करने के कारण ये संगीत की देवी भी कहलायी जाती हैं। बसन्त पंचमी के दिन
को इनके प्रकटोत्सव के रूप में भी मनाते हैं। ऋग्वेद में भगवती सरस्वती का वर्णन
करते हुए कहा गया है-
प्रणो देवी सरस्वती वाजेभिर्वजिनीवती
धीनामणित्रयवतु।
अर्थात ये
परम चेतना हैं। सरस्वती के रूप में ये हमारी बुद्धि, प्रज्ञा तथा
मनोवृत्तियों की संरक्षिका हैं। हममें जो आचार और मेधा है उसका आधार भगवती सरस्वती
ही हैं। इनकी समृद्धि और स्वरूप का वैभव अद्भुत है।
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2023 मे कब है बसंत पंचमी
वसंत
पंचमी का त्यौहार हर साल मनाया जाता है। वर्ष 2023 में बसंत पंचमी गुरुवार, 26 जनवरी को मनाया जायेगा। इस दिन पंचमी
तिथि प्रारंभ 25 जनवरी 2023 रात 09:29
बजे से होगी और 26 फरवरी
2023 पूर्वाह्न 10:28 बजे तक होगी।