नजरिया बदलने वाली कहानी-काला बिंदु | Inspirational Story in Hindi

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नजरिया बदलने वाली कहानी-काला बिंदु

(Inspirational Story in Hindi)

दोस्तों Inspirational Story हमारे जीवन को बहुत ज्यादा प्रेरित करती हैं। तो आज हम आपके लिए लायें हैं ऐसी ही कहानी जिसे पढ़कर आपको और अपने छोटे बच्चों को भी सुना सकते हैं। तो आइये पढ़ते हैं कहानी।

प्रकाश एक विद्यालय मे एक टीचर के पद पर कार्य करते हैं। वह हमेशा अपनी क्लास में प्रतिदिन बच्चों को कुछ नयी सीख या नयी बातें बताया करते थे। एक दिन उन्होंने क्लास में घुसते ही बोला- आज मैं आप सभी बच्चों की परीक्षा लूँगा। सारे छात्र ये सुनकर डर गए। प्रकाश सर ने एक सफ़ेद लिफाफा निकाला और उसमें से सभी छात्रों को एक-एक प्रश्न पत्र देना शुरू कर दिया।

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वह प्रश्न पत्र को पलट कर सभी की मेज़ पर रखते जा रहे थे, जिससे कोई प्रश्न न पढ़ सके। जब सभी छात्रों को प्रश्न पत्र मिल गया, तो टीचर  बोले, अब आप सब शुरू कर सकते हो।

किसी ने भी एक दूसरे की कॉपी मे झाँका या पूछने की कोशिश की, तो उसके नंबर काट लिए जाएंगे। सभी छात्रों ने प्रश्न पत्र पलटकर देखा और हैरानी से एक दूसरे की तरफ देखने लगे। प्रोफेसर बोले क्या हुआ- आप लोग इतने हैरान क्यू हो? एक छात्र बोला, सर इसमें कोई प्रश्न तो है ही नहीं। यह तो बस एक सादा कागज़ है और बीचों बीच एक काला बिंदु है। और हमें क्या जवाब देना है?

इस बात को सुनकर टीचर बोले, इसे देख कर आपके मन में जो भी आए वह पीछे लिख दीजिये। आपके पास सिर्फ 10 मिनट का समय है। सभी छात्रों ने लिखना शुरू कर दिया। 10 मिनट बाद टीचर ने सभी के उत्तर इकट्ठा किए और पूरे क्लास के सामने एक-एक कर के पढ़ने लगे। हर छात्र ने उस काले बिन्दु की व्याख्या लिखी थी जो उस प्रश्न पत्र के बीचों-बीच मे था।

किसी ने लिखा था वह दो बिन्दुयों को मिलाकर बनाया गया है, किसी ने लिखा था वह पहले चकोर था बाद में गोल बनाया गया है। टीचर बोले चिंता मत कीजिये, इस परीक्षा का अंको से कोई वास्ता नहीं है। लेकिन ज़रा सोचिए आप सब अपना जवाब सिर्फ एक काले बिन्दु के ऊपर दिया है। किसी ने उस खाली सफ़ेद हिस्से के बारे मे कुछ नहीं लिखा। सभी ने सोचते हुये हाँ मे सर हिलाया।

टीचर बोले- कुछ ऐसा ही हम अपनी ज़िंदगी के साथ भी करते हैं। काले दागों में इतना खो जाते हैं कि ज़िंदगी के सफ़ेद पन्नों पर नज़र ही नहीं जाती । यहाँ काले दाग से मेरा मतलब है कि, हमारी ज़िंदगी कि तकलीफ़े, बीमारियाँ या कोई दुख। पर हमारी ज़िंदगी में कितना कुछ अच्छा है, जिसकी तरफ हमारी नज़र ही नहीं जाती है। जैसे कि हमारा परिवार, दोस्त, छोटी-छोटी खुशियाँ।

कभी सोचा है, हमारे पास परेशान और दुखी होने के लिए कितने कारण हैं, और खुश रहने के लिए कितने? शायद अगर हम गिने तो, तो खुशी के कारण दुख के कारण से कई गुना ज्यादा मिलेंगे। मतलब खुश रहने के लिए हमारे पास बहुत सी वजहें हैं। सभी छात्र चुपचाप टीचर के बात सुन रहे थे।

टीचर ने छात्रों को जीवन को देखने का नया नज़रिया दिया था ।

हम चाहे तो खुश रह सकते हैं या दुखी।
यह सिर्फ नजरिया का खेल है।

दोस्तों आपको ये कहानी छोटी बेशक हो है लेकिन अपने अंदर गंभीर सार छिपाये हुए है। सभी बच्चों को उस कोरे कागज पे एक काला बिंदु ही दिखाई दिया लेकिन इतना बड़ा कोरा कागज था उसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं गया।

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सच कहा गया है कहानी में कि छोटे से दुःख को लेकर हम अपना जीवन बर्बाद कर लेते हैं लेकिन बड़ी बड़ी खुशियों पर हमारा ध्यान ही नहीं जाता। दोस्तों काले धब्बे से नजर हटाइये फिर देखिये खुश रहने की हजार वजहें आपको मिल जायेंगी।

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