ज़िंदगी में ख़राब वक़्त पर अपनों की पहचान
(Kharab Wakt mai apno ki Pahchan in Hindi)
ज़िंदगी की ऐसी भी सच्चाई है, कि जिनके लिए हम करते हैं वो ही हमें बाद में हीन भावना सेदेखते हैं, क्यूंकि वो लोग ऐसा समझते हैं, कि वो जो हम ने उनके लिये किया, वो हमारा फ़र्ज़ था , लेकिन वो ये भूल जाते समय बदलता है, वो एक जैसा नहीं रहता।
किसी रोज़ समय उनकी भी परिक्षा लेगा , तब उनके पास उनके अपने भी साथ नहीं होंगे , तब उनको एह्साह होगा की किसी समय पर वो भी गलत थे , जो की आज उनके अपने गलत हैं।
इसलिए कभी भी किसी को दुःख मत दो, और हमेशा अपनों के साथ उनके खराब समय में उनकी सहायता के लिये खड़े रहो, किसी ने सही कहा है, ख़राब वक़्त पर अपनों की पहचान होती है कि कौन अपना है, और कौन पराया।
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