जीवन का कीमती धन
(Jeevan ka Kimati Dhan in Hindi)
दोस्तों आज हम ऐसे धन (Inspirational Quotes) की बात कर रहे है, जो आपसे कोई नहीं छीन सकता, जो आपके जीवन में बहुमूल्य होता है, वैसे तो असली धन वो ही है जो चोरी, छीन और जिसे कोई भी किसी भी प्रकार का नुक्सान नहीं हो सकता, ऐसा धन आप का अनुभव और ज्ञान ही हो सकते हैं।
1. ज्ञान
ज्ञान मात्र ऐसा धन है, जो हमसे कोई छीन नहीं सकता, सब व्यक्तियों की ज्ञान की सीमा और उसे अपने तरीके से इस्तमाल करता है, मानव के ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती है, ज्ञान मानव के खुद की बुद्धि पर निर्भर करता है, अगर हम ये बोले की ज्ञान के बिना मानव जीवन ही अधुरा है, तो गलत नही होगा।
जिसके पास ज्ञान नहीं है, वह जीवन मे कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता, उसका जीवन मे दूसरों के द्वारा शोषण होता ही रहेगा, वह अपने और पराये मे अंतर तक नहीं कर पायेगा, लोग उसका फ़ायदा उठाएंगे, यंहा तक कि उसके अपने भी उसकी उसका फ़ायदा उठाने का भरपूर प्रयास।
ज्ञान के बिना व्यक्ति का जीवन ही अर्थहिन होता है, ज्ञान तीन प्रकार का होता है।
- व्यवहारिक ज्ञान : यह वह ज्ञान है जो हम समाज से सीखते हैं, इसमे दूसरों के साथ कैसा व्यहार किया जाता है, समाज मे कैसे रहना चाहिये, ये बातें ही सिखाई जाती है।
- आत्म ज्ञान: यह ज्ञान आत्मा और परमात्मा से जुड़ने का ज्ञान होता है, इसमे व्यक्ति को धर्म और भगवान से मिलने के बारे मे बताया जाता है।
- मानसिक ज्ञान: यह ज्ञान हम अपने किये गये प्रयासों से प्राप्त करते है, इसके लिये हमे किताबों से दोस्ती करनी होती है, यह ज्ञान हमे जीवन मे आगे बढ़ने के लिये महत्वपूर्ण होता है।
अगर ज्ञान को आप ने अच्छी प्रकार से आत्मसाध कर लिया तो, जीवन मे आप कभी भी निराशा, और असफलता का मुख कभी नहीं देखोगे। अगर हम ये बोलें कि ज्ञान एक सच्चा मित्र है तो गलत नहीं होगा, सच्चा मित्र वही है जो मुश्किल समय मे आप का साथ दे, और बुरी से बुरी परिस्थितियों से आप को बाहर निकलने मे आपकी मदद करे। जब सब लोग आप से विमुख हो जायेगे, जब आप का कोई भी आप का साथ नहीं देगा, तब ज्ञान ही है, जो आपके साथ हमेशा रहेगा।
ज्ञान आपके अनुभव देता है और आपको दूसरों से से अलग और पहचान देने मे मदद करता है, ज्ञानी व्यक्ति को पता होता है, उसे दूसरे व्यक्ति के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिये, उसका मन शांत होता है | वह कम बोलने वाला और जीवन को सही और अर्थपूर्ण जीने मे विश्वास रखता है।
2. अनुभव
मानव का अनुभव उसे तभी प्राप्त होता है, जब कोई भी व्यक्ति किसी भी कार्य को करता हैं, तभी उसे अनुभव प्राप्त होता है, उस अनुभव को प्राप्त करने के लिये उसे निरंतर प्रयास करना होता है, तभी वो सफलता को प्राप्त करता है, अनुभव प्राप्त करने का मूल मंत्र यही है कि किसी भी काम को करना है तो उसे पूरी निष्ठा, ध्यान, मन, शांति के साथ करना पड़ता है, तभी जाकर व्यक्ति को उस एक कार्य मे महारथ हासिल होती है।
अनुभव को हम एक तरह की पूंजी मान सकते हैं, जो हमसे कोई नहीं छीन सकता, क्यूंकि कोई कितनी भी कोशिश करे, किसी को भी बिना प्रयासों और मेहनत के बिना नहीं मिल सकता, वस्तुतः हमे दूसरे व्यक्ति की मेहनत और लगन को देखकर उस जैसा कार्य करना चाहिये।
अनुभव की प्रप्ति
अनुभव हमे अपने ख़ुद के किये गये प्रयासों से मिलता है, ना कि दूसरे के बोलने पर या सिखाने पर, उसके लिये खुद के मन और दिमाग से तैयार होना पड़ता है, किसी भी कार्य को करने के लिये आत्मविश्वास का व्यक्ति मे होना अति आवश्यक है, और आत्मविश्वास को बनाये रखने के लिये अपने उपर भरोसा होना चाहिये।
जब तक व्यक्ति को अपने उपर भरोसा नहीं होगा, वह किसी भी कार्य को करने की हिम्मत नहीं करेगा, वह कार्य को करने से भागेगा, और उसके इस व्यवहार के कारण उसे समाज मे हंसी और घ्रणा का पात्र बनना पड़ता है, उसके मन मे निराशा का वास होता है।
अनुभव के कारण आपके मन में एक अलग ही तरह का उत्साह होता है, आप को ये लगता है कि आप में नई उर्जा का संचार हुआ हो, "अनुभव हमेशा जीवन मे किये गये प्रयासों से ही प्राप्त होता है” अनुभव आप की सच्ची दौलत है जो कोई भी नहीं ले सकता आप से, जब तक आप किसी को यह दौलत नहीं देते।
आज के इस लेख में हमने आपको जीवन का कीमती धन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने की पूरी कोशिश की है। उम्मीद है आपको यह पोस्ट जीवन का कीमती धन पसंद आई हो, यदि आपके पास जीवन का कीमती धन से सम्बंधित कोई अन्य जानकारी हो या हमारे लेख मे कोई त्रुटी हो, तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।