बेटियाँ घर की लक्ष्मी (Betiyan Ghar Ki Laxmi in Hindi)
घर उसे कहते हैं, जिसमे परिवार बसता है, उस परिवार मे लक्ष्मी का वास स्त्री के कारण होता है, उस लक्ष्मी के अनेक रूप होते हैं, उस मे से एक रूप बेटी का होता है, बेटी बड़े नसीब से मिलती है, उसके लिये, पुर्न जन्म मे जरूर कुछ अच्छे काम किये होते
हैं, उन्ही को बेटी प्राप्त होती है।
बेटी के आने से इंसान की किस्मत बदल
जाती है, बेटियाँ जिस घर मे जन्म लेती हैं, उस घर और जिस घर वो शादी के बाद जाती
हैं उस घर को भी स्वर्ग बना देती है, बहुत इंसानों से सुनने को मिलता है कि
जब से बेटी आई है घर मे, उनकी ज़िंदगी बदल गई है।
इसलिये बेटी को भी बेटे के समान ही रखना चाहिये, क्यूंकि वो सच में लक्ष्मी है ही रूप
होती है, जिस भी घर मे जाती है, वंहा की काया ही बदल देती है, जिस घर में माँ, बेटी, बहन, बहू का सम्मान नहीं होता वंहा भगवान भी
नहीं बस्ते, जितना हो सके बेटी और बहू को
सम्मान और आदर दो।
सही अच्छी सोच के साथ हम सोचना सुरू करें तो, उम्मीद की जा सकती है,
कि हम एक बेहतर समाज की आधार और मूल संरचना बना सकें, आज भी हम बेटे और बेटी मे फर्क
करते हैं।
जो कि एक दम गलत है, इस पर एक बात कही है, किसी ने कि बेटा तब तक सेवा
करेगा, जब तक उसकी शादी ना हो जाय, और बेटी जीवन भर सेवा करेगी, आप के दुःख मे हर
पल साथ देगी, आप के साथ क़दम मिला कर चलेगी।
आज के समय मे सब अच्छी और संस्कारी बहू की उम्मीद रखते है, लेकिन वो ये
भूल जाते हैं, कि क्या उस बहू को घर में लाकर उसे अपनी बेटी के समान उसकी इज्ज़त और
प्यार देंगे, नहीं ये बहुत कम लोगों मे देखा जाता है, वो इस नियम को दिल से निभाते
हैं, जिस प्रकार आप की बेटी है।
उसी प्रकार आप की बहू भी किसी न किसी की बेटी ही
है, बेटी और बहू मे कोई भी फर्क ना करें, क्योंकि आप की बहू भी घर की लक्ष्मी है,
अगर घर की लक्ष्मी का ही अनादर करोगे, तो दुनिया मे कभी भी तरक्की नहीं कर पाओगे।
आज के समय मे तो बहुत जरूरी है कि बेटियों को भी सब अधिकार मिले, क्यूंकि बेटी हमेशा आपकी सेवा करेगी, चाहे वो दूसरे घर क्यों ना चली जाय, क्यूंकि बेटी दो घर को जोड़ने का काम करती है।
अगर उसे सही और आज के समय के हिसाब से
सही शिक्षा और आगे बढ़ने के अवसर देनी की जरूरत है, आप देखना वो दोनों घर का नाम रोशन करेगी, बस उसे प्रेरित करें आगे बढ़ने के लिये, जब बेटियाँ आगे बढ़ेंगी अपना घर, प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगी।
एक सही समाज की रचना करनी है, तो बेटी को इतना सशक्त बनाओ, कि वो पूरे
समाज की धारणा ही बदलकर रख दे, उसे सभी अधिकार मिलने पर ही, वो अपना और दूसरे का जीवन
बेहतर बना सकती है, जब वो अपने और अपने समाज मे सही विचारधारा का प्रसार करेगी तभी
समाज की बेहतर नीव रखी जा सकती है, अगर बेटी को सही संस्कार मिले तो वो हर तरीके
से बेहतर और जागरूक रहेगी।