जिंदगी की कड़वी सच्चाई | Bitter Truth Of Life in Hindi

Admin
0

जिंदगी की कड़वी सच्चाई

(Bitter Truth of Life in Hindi)

दोस्तों आज हम आज विशेष कर जीवन की कडवी सच्चाई को लेकर आप के सामने आयें हैं, जो की आज कल हमे अपने समाज मे दिखाई देती है बल्कि हर और देखने को मिलती है, आइये हम और आप इन सचाई को समझते और पढ़ते हैं

1. स्वार्थ और लालच

आज के इंसान में स्वार्थ और लालच इतना हो चुका है, कि वो हर किसी से लेने की लालसा रखता हैवह हर किसी को अपने स्वार्थ के लिये उपयोग करना चाहता है, जिसके चलते अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिये वह पापी और अधर्मी बन जाने मे कोई संकोच नहीं करेगा इस स्वार्थ के अंत की कोई सीमा ही नहीं है

जिंदगी की कड़वी सच्चाई

जमीन, रुपया पैसा जैसी वस्तु के पीछे मनुष्य इस तरह लिप्त है, कि वह अपना पूरा जीवन इसी मे समाप्त कर देता है, और अंत समय आने पर उसे बोध होता है कि ये सब मिथ्या है अत: हमे स्वार्थ और लालच से दूर रहना चाहिये

2. स्वयं को महान

आज का मनुष्य बुद्धि से विहीन, और स्वयं को महान समझने की भूल करने लगा है, वह थोड़ी सी सफ़लता अर्जित करने के पश्च्यात अपने आप को महान और घमंडी प्रवर्ती का हो गया है अपने सामने वह किसी को कुछ समझने का प्रयास तक नहीं करना चाहता, घमंड के कारण उसका विवेक और उसकी बुद्धि उसका साथ छोड़ देती है, जिसके फ़लस्वरूप वो घ्रणित कार्य करता है  उसका पतन का कारण बनता है, इसलिये हमे कभी भी घमंड नहीं करना चाहिये

जिंदगी की कड़वी सच्चाई

3. इंसानियत

मनुष्य आज के समय मे इंसानियत किसे कहते हैं, ये बिलकुल भी नहीं जानता आज किसी दूसरे के दर्द को देखकर मानव ऐसे नज़रें फेर लेता है जेसे इनको कभी जिंदगी मे कभी भी ये कुछ नहीं देखना पड़ेगा, दूसरे की मदद करना तो दूर, दूसरे के दर्द मे वह अपनी ख़ुशी ढूंढ़ता है

उसे बस अपने से मतलब है, वह अच्छा खाये-पिये और जीवन के सभी सुख़ भोगे, पहले समय मे किसी प्यासे को पानी पिलाना और भूखे का अन्न देना बहुत पुण्य का काम माना जाता था आज के समय मे ये बहुत कम देखने को मिलता है

4. देखने का नज़रिया

आज के समय मे मानव के देखने का नजरिया बदल चुका है, वह किसी की अच्छी सोच और अच्छे कार्य मे कोई ना कोई  कमी निकलने की कोशिश करता है, दूसरे की सफलता से वो इर्ष्या भाव रखता है, बल्कि उसे ये ध्यान देना चाहिये की उसने ऐसा क्या किया कि, उसे सफलता मिली
अमीर इंसान  गरीब इंसान को हीन भावना से देखता है! जैसे गरीब इन्सान को जीने का कोई अधिकार ही नहीं है

5. अधर्मी

आज का मनुष्य अधर्मी और पापी बन गया है, वह इस दुनिया की माया और झूठ से भर ही नहीं निकल पाता है, जिसके कारण वो पूजा-पाठ, यज्ञ, धर्मिक कार्यों को करने के बारे में सोच भी नहीं पाता ! 
आज जो व्यक्ति अपने को पंडित बोलता है वो मांस का खाने और मदिरा का सेवन करने वाला हो गया है, प्रात: काल होने पर वो ही भगवान की पूजा और आराधना करने लगता है, जो कि दूसरों को मात्र भ्रम करवाता है

अंत मे सार यही है कि इंसान भ्रष्ट हो चुकी है, उस मे अनके प्रकार के अवगुण और पाप का आत्मसार कर लिया है जिसके चलती उसे कभी भी मुक्ति नहीं मिल पायेगी

दोस्तों आपको हमारी यह लेख कैसा लगाऔर अगर आप इस पोस्ट से सम्बंधित कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं। क्योंकि आपके कमेंट से ही हमें पता चलता हैकि आपको हमारा लेख कितना पसंद आया और आपको हमारे लेख पढ़ कर अच्छा लगा हो तोइसे अपने दोस्तों और परिचित के साथ शेयर करना ना भूलें। धन्यवाद।

ये भी पढ़े:

नैतिक हिंदी कहानियां

पढाई में सफलता की टिप्स

नौकरी के लिए इंटरव्यू क्रैक करने के लिए टिप्स

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)