बुरी आदतें और कार्य मनुष्य के बड़े दुश्मन | Enemies of Man in Hindi

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बुरी आदतें और कार्य जो मनुष्य के बड़े दुश्मन

(Enemies of Man in Hindi)

दोस्तों अगर आपके अंदर भी बुरी आदतें हैं, जिनको लेकर आप अपने जीवन में दुखी हैं, और जो आपका केवल नाश ही करेंगी।  तो आज जो आदतें हम आपको बताने वाले हैं अगर में भी वो ही आदतें तो अभी उनको छोड़ने का मन बना लीजिये।

तो आईये जानते हैं, कौन-कौन सी हैं वो बुरी आदतें जिनके कारण हमे हमेशा ही परेशानियों और दुःख का सामना करना पड़ता है। 

1. आलस्य:-

मनुष्य अपने जीवन मे अगर कोई कार्य नहीं कर पाता तो उसका कारण उसका आलस्य है, आलस्य जिसके जीवन मे है, वह कभी भी अपनी जिम्मेदारियों को ना कभी समझेगा, और उनके प्रति कभी भी सचेत हो सकता है

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आलस जिसके जीवन मे है वो हमेशा किसी भी कार्य को करने मे इच्छा नहीं रखेगा, वो हमेशा आने वाले कल पर छोड़ देगा। ऐसा मनुष्य कामचोर, और काम को कल पर टालने वाला होता है आलसी व्यक्ति जीवन में किसी भी अवसर का लाभ नहीं लेता और सभी की नजरों मे उपेक्षा का पात्र बनता है, इसलिये सदैव आलस्य से दूर रहना चाहिए।

2. हत्या करना:-

किसी भी प्रकार के जीव की हत्या करना घोर पाप की निशानी है। कई लोगों को शिकार करने का शौक होता है। कई बार मनुष्य निर्दोष जीवों की हत्या कर जाते हैं। जब हम किसी को जीवन नहीं दे सकते तो हमे किसी की हत्या का भी कोई अधिकार नहीं है, जीव हत्या बहुत बड़ा पाप माना जाता है।


मनुष्य को इसके बहुत बुरे परिणाम अपने पूरे जीवन मे किसी न किसी रूप में झेलना ही पड़ते हैं। इसलिए, हर किसी को शिकार और हत्या करने की आदत छोड़ देना चाहिए।

3. दूसरी स्त्री से प्रेम करना:-

जो मनुष्य अपनी स्त्री को छोड़कर पर स्त्रियों पर नज़र,ज्यादा ध्यान देता है, ऐसा मनुष्य बिलकुल भी विश्वास का पात्र नहीं होता, क्यूंकि वो स्वयं की स्त्री के साथ छल करता है। ऐसा व्यक्ति मन की भावना के वशीभूत हो कर बुरा से बुरा कार्य करने मे को कभी भी संकोच नहीं करता, ऐसा मनुष्य अपनी इच्छा की पूर्ती के लिये किसी भी हद तक जा सकता है

वरन वो किसी भी पाप को करने के लिये तनिक भी संकोच नहीं करेगा,  और उसके उसके ख़ुद के जीवन मे अविश्वास और मानसिक तनाव का समावेश रहता है, इसलिये इस आदत को कभी भी ग्रहण नहीं करना चाहिये

4. जुआ खेलना:-

जुआ मनुष्य की बुरी आदतों मे से एक है, जो मनुष्य जुआ खेलने के लिये उत्साहित करे उस से हमेशा के लिये दूरी बना कर रखो, क्यूंकि वो आप का मित्र नहीं बल्कि दुश्मन के समान है


जो इस नीच कर्म को करता है, उसका जीवन समाप्त हो जाता है, क्यूंकि जुये के बिना वो कुछ और सोच ही नहीं पाता,उसका लालच उसके मन पर अपना अधिकार कर लेता है। जिसके चलते वो उधार और कर्ज लेने से भी परहेज़ नहीं करता है, जो कि उसके पतन का कारक बनता है

जुवारी के साथ साथ उसके परिवार को भी हानि, बर्बादी देखनी पड़ती है, जुए से सदा मनुष्य को दूर रहना चाहिये और दूसरे को भी दूर रहने की सलाह नहीं देनी चाहिये

5. नशा करना:-

किसी भी प्रकार के नशा करने मनुष्य के लिये सदैव हितकारी नहीं हो सकता । नशा बुद्धि को छीन कर देता है। जिसके फलस्वरूप वह व्यक्ति अच्छे-बुरे कर्म का ज्ञान नहीं रहता और कई बार वह ऐसे काम भी कर देता हैजो उसे कभी नहीं करना चाहिए।


नशे में की गई गलतियों की सजा न कि सिर्फ उस व्यक्ति को बल्कि उसके परिवार और समाज मे रहने वालों को वालों को भी भुगतना पड़ती है। नशा करने वाला मनुष्य अपने मान-सम्मान, अपने परिवार के साथ-साथ धन-सम्पत्ति का भी नाश कर लेता है। इस दोष से हमेशा दूरी बनाये रखना चाहिए।

6. ज्यादा खेल-कूद करना:-

खेलना-कूदना अच्छी बात होती है, इस से हम अपने शरीर को स्वस्थ रखते हैं, लेकिन इसकी अत्यधिकता कब आदत बन जाए  पता नहीं चलता। कई बार खेल–कूद के कारण हम अपने कार्यों को सही समय पर पूरा नहीं कर पाते, जिसके हमे बुरे परिणाम देखने को मिलते हैं ऐसे मनुष्य अपने काम पर पूरी तरह मन और ध्यान नहीं लगा पाते, इस आदत को छोड़ देने में ही समझदारी होती है।

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