जीवन में सफल इंसान बनने के बेहतरीन टिप्स
(Success Tips in Hindi)
आज के समय में हर इंसान सफल बनना चाहता है। सभी प्रकार के सुख सुविधाओं को हासिल करना चाहता है लेकिन उसके लिये मेहनत नहीं करना चाहता। सफल होने के लिए जो-जो काम करना चाहिए उसको करना नहीं चाहता। जीवन कई चुनौतियों और अवसरों से भरा है लेकिन केवल उन्हीं लोगों के लिए जो वास्तव में अवसरों को प्राप्त करके और चुनौतियों का सामना करके सफल होना चाहते हैं।
सफल वही होता है जो कड़ी मेहनत के साथ-साथ और भी कई चीजों को
फॉलो करता है। सफल होने के लिये नीचे कुछ टिप्स दिये
गये है, आप इस टिप्स को अपनाकर सफल बन सकते हैं।
1. सुबह जल्दी उठना :-
भारत की संस्कृति
में हमारे गुरुकुल के पिरामिड के आधार में प्रथम सूर्योदय से पहले यानी कि 4:00
बजे 5:00 बजे परंपरा रही है, जिस के अनेकों लाभ है।
जब हम 4:00
से 5:00 के बीच में सुबह उठते हैं, तो हमारी रचनात्मकता शक्ति का स्तर
सबसे अधिक होता है, ज्ञान को प्राप्त करने के लिए यह समय सबसे अच्छा होता है। मनोवैज्ञानिक बताते हैं मानव
की जो ऑब्जरवेशन पावर है, उस समय सबसे अधिक
होती है।
सूर्योदय से 2
या ढाई घंटे पहले के समय पर उठना भारत की संस्कृति में “ ब्रह्म मुहूर्त” कहा जाता
है,यह हमारा हाईएस्ट एनर्जी टाइम होता है। इस समय सेट साइलेंट बैठकर यदि हम अपने ड्रीम को बिजनेस करते
हैं, मेहनत कम करनी पड़ती है और रिजल्ट ज्यादा मिलता है।
सूर्योदय के पूर्व हमारा मस्तिष्क बहुत ही शान्त रूप में होता है, उस दौरान जो सकारात्मक सोच हम अपने दिमाग मैं रखते हैं चाहे वह हमारे आध्यात्मिक प्रगति की है, अथवा बेहतर जीवन के लिए है, यदि हमारे अच्छे स्वप्न हैं, तो बिल ज्यादा से ज्यादा अंगूरों के रूप में कुछ महीनों के अंदर ही हमको हमारे जीवन को सौंदर्य प्रदान करने लगते हैं।
सुबह में सतोगुण
का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है, उस वक्त नकारात्मक विचारों का प्रवाह वायुमंडल में
दिन की अपेक्षा बहुत कम होता है। उस वक्त
हम ध्यान सकारात्मक चिंतन अध्ययन यह सब करना हमारे लिए श्रेष्ठ कर होता है।इसके बाद जो जीवन का दूसरा पहलू है समय निर्धारण
2. समय निर्धारण :-
इसके बाद जो जीवन
का दूसरा पहलू है, वह है “समय निर्धारण”। सुनियोजित समय सुनियोजित मस्तिष्क का प्रतीक है। समय हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। समय निर्धारण के बिना हमारे लक्ष्य हमारी निश्चय आत्मक सोच
हमारे सपनों को पूरा होने में एक अवरोध खड़ा करते हैं। हमारे जीवन को शिखर पर ले जाने वाले पंख समय ही होते हैं।
बहुत बार हम जवानी
में सोचते हैं, कि अभी बहुत समय है आगे कर लेंगे, लेकिन एक कहावत कही जाती है कि काश
जवानी समझ पाती, काश बुढ़ापा कर पाता। समय निर्धारण न कर पाने के कारण हम जो करना चाहते हैं वह चलता चला जाता है और एक
दिन बुढ़ापा आ जाता है और फिर जीवन की शाम ढल जाती है, और हम निराशा के घोर अंधेरे में कहीं खो जाती है।
व्यक्ति जो जीवन
में महानता को प्राप्त करते हैं, एक असाधारण जीवन के निर्माण को मूर्त रूप देते हैं,
असफल व्यक्तियों से जो चीज उन्हें पृथक करती है, वह उनका समय का सदुपयोग करने का तरीका
है।
समय का सदुपयोग
हमें ठीक से करना चाहिए, क्योंकि दुनिया में बहुत कुछ दोबारा लौट सकता है, परंतु समय नहीं।
रविवार को हमें
पूरे सप्ताह की विवरण सहित टाइम लॉकिंग करनी चाहिए पूरे सप्ताह हमें क्या करना है और
कब करना है उसके लिए समय निर्धारण करें। इस बात का हमें अभ्यास करना पड़ेगा, क्योंकि शुरू में कई बार हमारी टाइम लॉकिंग
हमारी अनुभव हीनता के कारण आगे पीछे होगी। धीरे-धीरे हमारी अनुभव से हमारी टाइम टॉकिंग सही होने लगेगी।
3. निरीक्षण
self-reflection :-
उन बातों को जानना
चाहिये जो हमें आगे बढ़ने से रोक रही है। हमें हमारे
समृद्ध जीवन उच्चतर आदर्शों एवं हमारे सपनों को पूरा करने में अवरुद्ध बन रही है। उन्हें जाने बिना तुम कैसे आगे बहुत सकती अपनी कमजोर कड़ियों
को कागज पर लिखो।
हमें इस बात पर
विचार करने के लिए समय निकालना चाहिए, कि जो हमें हमारे जीवन को महत्वपूर्ण बनाने में
अवरोध का कार्य कर रही है कौन-कौन सी है, और क्या है। कोई डॉक्टर मरीज का
इलाज सही ढंग से तब तक नहीं कर पाता है, जब तक कि उसकी बीमारी को डायग्नोसिस बीमारी
के कारण को पकड़ में आ जाने के बाद हमारे ठीक होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
स्व-नेतृत्व के
द्वारा हम अपने ऊपर स्वामित्व पा लेते हैं, तो आप अपने जीवन में सफलता को प्राप्त करने
में जो कमी आती हैं। उन्हें निर्मूल होने में ज्यादा
समय नहीं लगता है। अपनी आत्मा के पोषण एवं आत्म
चिंतन से हम उस स्थान पर पहुंच जाते हैं। जहां जीवन
की संपन्नता विकास आनंद को आया मिलता है।
हमें अपना एफर्ट्स
को बनाना चाहिए, रिजल्ट इसको बनाकर चिंतन करना चाहिए। हम जो कार्य कितने एयरपोर्ट से कर रहे हैं, उसका रिजल्ट कितना
आ रहा है। अगर हमारा एफर्ट्स को अच्छा
है दोबारा रिजल्ट्स को अच्छा हो जाएगा। हमें अपनी सफलता के लिए आत्म चिंतन करना होगा।
4. कार्यों को बांटना :-
कोई भी व्यक्ति अगर चाहता है की वह ही पूरी कार स्वयं बनाएगा
और फिर उस पर यात्रा करेगा। तो संभवत
उस कार को बनाने में जीवन का बहुमूल्य समय गुजर जाएगा।
वह उसका आनंद कब लेगा?
हम रेस्टोरेंट
जाते हैं, तो ऑर्डर करते हैं फिर दूसरा उस आर्डर पर वर्क करता है तब हम डिनर का लंच
का आनंद ले पाते हैं। हमें अपने जीवन में बहुत से
ऐसे काम है, जो डेलिकेट करने पड़ते हैं। सही व्यक्तियों
के हाथों में चाहे वह विद्यालय हो,चाहे वह कंपनी हो चाहे,वह एक भव्य इमारत हो।
हर एक में एक टीम
वर्क होता है, बेहतर टीम
वर्क को खड़ा करना एक अच्छे कप्तान का हुनर है। यदि हम अच्छे व्यक्तियों के हाथों में कामों का वितरण उसे डेलीगेट
कर देते हैं, तो परिणाम जल्दी और अच्छे मिलते
हैं। जो हमारी सफलता में एक बड़ा फ्यूल का कार्य करते हैं।
5. सीखना :-
हमें हमेशा सीखते
रहने की आदत डालनी चाहिए। अपने जीवन के हर दिन में हमको लगातार विद्यार्थी बने रहने का
हुनर आना चाहिए। 45 मिनट जीवन में बिना रुके प्रतिदिन हमें सीखते रहना चाहिये। वह चाहे आपका व्यवसाय हो या
जीवन की सर्जनशीलता हो। हम जब तक सीखते रहते हैं,तब तक हम विद्यार्थी ही रहते हैं। जिस दिन हमारा सीखना रुक जाता
है। उसी दिन से हम पूर्णता को प्राप्त करने लगते हैं।
यदि हम नया सीखने
की भूख बनाए रखते हैं। तो हमारे जीवन में जो उत्साह उमंग ताजगी बनी रहती है। स्टीव जॉब्स ने कहा है, मैंने
अपने जीवन में एक सूत्र को पकड़ा है “ज्ञान के लिए हमेशा भूखे रहो और स्वयं यही समझो
कि हमें अभी बहुत कुछ जानना है” ।
सुकरात ने कहा
था “हमेशा याद रखो इसे हमको निरंतरता के साथ पूरा करने के लिए संकल्प बंद होना चाहिए
निरंतरता हमारी सफलता की जननी है।“
इस सूत्र को फिर जीवन में आत्मसात करने की जरूरत है ”निरंतरता हमारी सफलता की जननी है”।
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