ईर्ष्या कैसे दूर करें? (Eershya kaise Door Karen in Hindi)
ईर्ष्या एक मन का भाव है जो कि हमारे जीवन को जला कर रख देती है। ईर्ष्या एक आग का काम करती है। और इस आग को हमें हैंडल करना भी आना चाहिए। जो आप से ईर्ष्या जाने से या द्वेष रखते हैं ऐसे लोगों को कैसे हैंडल कर सके आइये जानते हैं।
दोस्तों जो
इंसान ईर्ष्या का भाव अपने मन में रखते हैं। उनको माचिस की जरूरत पड़ती है, ना ही लाइटर की । इस दुनिया के
अंदर आदमी जो है वह दुसरे आदमी से ही जलता रहता है। कमाल है ना।
जब आप स्कूल
में रहे होंगे। तो
आपको याद होगा कि जो स्कूल का सबसे टॉपर बच्चा होता है। तो आप भी उस से ईर्ष्या भाव जरुर रखते
होंगे। कि वह पुरे स्कूल में टॉप कैसे करता है। और अब तो यंहा तक देखा गया
है, कि प्रोफेशनल लाइफ में भी ऐसा ही देखने को मिलता है।
ईर्ष्या से छुटकारा कैसे पायें? |
अगर कोई भी
इंसान अपनी मेहनत से आगे बढ़ रहा है, तो उसके जो साथ में काम करने वाले लोग होते
हैं, वो ही उससे ईर्ष्या करने लगते हैं। बिजनेस में भी यही होता है। दोस्तों अगर
कोई अपने बिजनेस में आगे बढ़ रहा है, तो उसके आसपास के जो बिजनेस करने वाले लोग
होते हैं।
वो भी उस इंसान से ईर्ष्या करने लगते हैं।
आखिर क्यूँ होती है ईर्ष्या ?
आखिर ईर्ष्या
क्यूँ होती है, अगर कोई चीज आपके पास है, और दूसरे के पास नहीं है और दूसरा इंसान उस
चीज़ को नहीं पा सकता है। तो हो सकता है, कि दूसरा इंसान आपसे ईर्ष्या करने लगे। क्योंकि इसका
कारण उसके पास वह चीज नहीं है।
जो लोग आपसे ईर्ष्या
लगते हैं या फिर ईर्ष्या रखते हैं। ऐसे लोगों को आप को इग्नोर करना है। अगर आप
इग्नोर नहीं करेंगे, तो होगा क्या कि अपनी टाइम और एनर्जी दोनों ही वेस्ट करेंगे।
हमेशा खुश रहिये:-
हमेशा खुश रहिये
दोस्तों आपके अंदर कुछ ना कुछ खूबी है,
इसी वजह से बाकी के जो लोग हैं। वह आप से ईर्ष्या करते हैं। क्यूंकि सफलता आपने अपनी मेहनत
से पाई है, और उसकी वजह से आप सफलता की सीढ़ियों की तरफ ऊपर ऊपर बढ़ते चले जा रहे
हैं। और
जो लोग हैं, वह आपके जैसा नहीं कर रहे हैं। तो आपको खुश होने की जरूरत है, और परेशान होने
की नहीं।
अच्छा व्यवहार रखें:-
आप हमेशा अपने
उन लोगों के साथ बहुत ही अच्छा व्यवहार बनाकर रखें, क्योंकि जो लोग आपसे ईर्ष्या
का भाव रखते हैं, आप उनके अंदर कुछ ऐसी चीजें, गुण को पहचानिये, जो उनके अंदर खुद
नहीं है।
तो आपको हमेशा उन लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करना है और हो सके तो उन्हें आप चाय
पर भी बुलाइए और चाय भी पिलाये।
भगवान को ना भूलें:-
हमेशा भगवान
को धन्यवाद दीजिये, कि आपके पास ऐसी कुछ चीजें हैं, जिसकी वजह से दूसरे लोग आपसे ईर्ष्या
करते हैं।
तो आपको ईश्वर को कभी नहीं भूलना कि आपने अपने जीवन में कुछ ऐसा पाया है, जो कि ईश्वर
की मदद से जो दूसरे लोग नहीं पा पाये हैं।
भगवान से प्रार्थना करें:-
हमेशा जो लोग
आपसे ईर्ष्या करते हैं, ऐसे लोगों के लिए भगवान से प्रार्थना कीजिये, क्योंकि
दोस्तों जो इंसान ईर्ष्या को मन में रखता है। वह असल में करता क्या है? वह खुद ही आग लगाता है। फिर उसके बाद
वह उसी आग में खुद ही जलता है और कमाल की बात है, कि इस आपको कोई महसूस नहीं कर
सकता। यह
उसके अंदर खुद ही जलती रहती है, तो ऐसे लोगों के लिए आपको प्रार्थना करनी चाहिये,
कि भगवान उनको सद्बुद्धि दें। जिससे कि वह अपने आप को ठीक कर सकें।
दोस्तों यह तो
था सिक्के का एक पहलू जब इंसान आपसे जलने लगता है, तो आप क्या करना चाहिये। लेकिन
दोस्तों सिक्के का दूसरा पहलू भी है। हो सकता है कि आप भी किसी से ईर्ष्या रखते हों, तो उन समय
में आपको खुद क्या करना चाहिये।
दोस्तों मानव
में उसका एक अलग ही नेचर है कि अगर कोई चीज किसी के पास है, और हमारे पास वो चीज़
नहीं है, तो हो सकता है कि हम दुसरे इंसान से ईर्ष्या रखने लग जायें। लेकिन हमने
आपको बताया है, ना कि जव भी आप ईर्ष्या को मन में रखते हैं, तो आप अपने आप को ही जलाते
हैं। तो
आपको यह चीजें नहीं करनी है। उसके लिए क्या करना है दोस्तों आइये जानते हैं।
2. अगर कोई
इंसान कामयाब होता है, तो उसकी खुशी में दिल से शामिल हों। और उसको प्रोत्साहित कीजिये। दोस्तों हमारा
संसार भी यही करता है, कि जिन चीजों को आप आकर्षित करते हैं। वह चीजें भी आपको
मिल जाती हैं,
अगर किसी चीज से आशा रखते हैं।
आप भी तो अपने
जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं। आप भी सफल होना चाहते हैं। तो दूसरों की सफलता में
हिस्सेदार बने, और उनकी सफलता में अपनी भागीदारी अवश्य दें। क्योंकि जब आप सफल होंगे
तो आपको भी प्रोह्त्सान मिलेगा।
3. कठिन काम आपको
मेहनती बनाती है।
अगर आप मेहनत करेंगे, तो आप अपने जीवन में जो पाना चाहते हो, वह पा लेंगे
और फिर आप दूसरे लोगों से ईर्ष्या नहीं करेंगे। क्यूंकि आप लगातार मेहनत कर रहे
होंगे।
4. कभी भी
दूसरे लोगों के साथ संघर्ष नहीं करना क्योंकि हर एक इंसान की क़ाबलियत अलग होती है। आपकी क़ाबलियत
अलग है। और
दूसरे इंसान की क़ाबलियत अलग। तो अगर आप कंपटीशन करना ही है, तो आप अपने आप के साथ
करें।
यानी कि आज का
दिन आपने जिस तरीके से बिताया है, आप कल का दिन बीत गये कल से बेहतर बितायेंगे। यानी कि आने
वाले कल में और इससे अच्छा काम करेंगे।
दिन प्रतिदिन
आप के गुणों में निखार आएगा और आप सफलता को प्राप्त करेंगे। अपने आप आपकी जिंदगी बेहतर
होनी शुरु होती चली जाएगी। तो हमेशा आपका कंपटीशन आपके खुद के साथ होना चाहिए ना
कि किसी और के साथ नहीं होना चाहिए। चलिए दोस्त
5. आपने अपने
अंदर खुद ही एक ऐसी आग जला ली है, जिसे शिकार आप खुद ही हो जाएंगे और उसके लिए आप
भगवान की मदद लीजिए। तो भगवान से अपने लिए खुद के लिए प्रार्थना कीजिये। कि वह आपको
ऐसी बुद्धि दे, कि हम दूसरे लोगों से ईर्ष्या ना करें।
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