रिश्तों की सच्चाई (Truth of Relationship in Hindi)
आज हम जिन्दगी के सबसे बड़े और नाजुक विषय के बारे मे बात कर रहे हैं,
“रिश्ते”। आज के दौर मे रिश्तों मे खटास आ गई है, इसका सबसे बड़ा कारण है, विश्वास, जिन रिश्तों मे विश्वास, और दिल के तार ना जुड़े हों उनका होना या ना
होना कोई बात ही नहीं है।
सच्चे रिश्ते मन से जुड़े और निभाए जाते हैं, और उनको एक
ही चीज़ तोड़ सकती है। मन मुटाव, गुस्सा, बेरुखी, बात ना करना और सब से बड़ा कारण है,
दूसरे की मन की भावना को नहीं समझना।
1. आज के समय मे लोगों मे सहन-शक्ति का आभाव देखा जाता है। वो दूसरे की
बात को सुनना और सहन तक नहीं कर पाते, जिससे वो एक दूसरे को पसंद तक नहीं कर पाते। विचारों का मतभेद होना इसका बहुत बड़ा कारण है। हमेशा दूसरे की भावना को समझने का प्रयास करें।
आपस मे बात करके उस
समस्या का हल निकलें। अक्सर लोग मन मुटाव मे एक दूसरे से बात करना बंद कर देते
हैं। जबकि यही उनकी सबसे बड़ी गलती होती है। बात ना करने से, बात सुलझाने की पहल ही
खत्म हो जाती है।

इसलिये कितनी भी लड़ाई, विरोधाभास हो एक दूसरे से कुछ समय के बाद जरुर बात करें।जिससे एक दूसरे की बात को समझी जा सके और दिल की नारजगी दूर हो सके। एक बात हमेशा जरुर याद रखें कि, हमेशा अपने मन मे देखकर अपनी कमी को देखो, ना कि दूसरे की कमी को निकालो।
उस से दूसरा व्यक्ति ख़ुद की नज़रों मे
गिर जाता है। और संकोची बन जाता है। उसकी मन की इच्छा मन मे ही दब के रह जाती है।
2. दूसरे की इच्छा का हमेशा ध्यान रखें और किसी भी लोभ और लालच के लिये रिश्ते ना बनायें, क्यूंकि रिश्ते झूठ की बुनियाद पर नहीं बनाये जाते। सच्चे दिल
से बनाये गये रिश्ते ही आगे जीवन भर चल पाते हैं, और उनका कोई मोल नहीं लगा सकता।
3. रिश्तों को ईमानदारी के साथ निभाना चाहिये, नहीं तो वो बोझ बन
जायेंगे और उसे जीवन भर
भुगतना होगा, जिसके कारण हम जीना ही त्याग देंगे, हमारी
सोच, एक ही जगह रुक जाएगी।दुनिया मे कितने भी बदलाव हों हमारी जिन्दगी नीरस और
अशांति पूर्ण रहेगी।
4. अपने स्वार्थ को त्यागना पड़ता है, अच्छे रिश्ते के लिये, कभी-कभी झुकना भी पड़ता है, ना चाहते हुए जो बात हमे पसंद नहीं होती। उसी बात को हमे दूसरे
के कारण सहन भी करनी पड़ती है। सच्चे रिश्ते दिल, बिना स्वार्थ, ईमानदारी, समर्पण
की भावना ऐसे बहुमूल्य द्वारा ही कायम रह
पाते हैं।
5. आज के समय मे इंसान झूठ और ढोंग और दिखावे को ही सत्य मानता
है। वह अपने विचारों को ऊँचा बनाने के लिये कोई कार्य नहीं करता। बल्कि बाहर दुनिया
मे अपनी नुमाइश करने मे अग्रसर है। वह दिखावे करने मे कोई कमी नहीं करता, और झूठ
का सहारा लेकर वो नित्य बुरे से बुरे कार्य करने मे संकोच तक नहीं करता, रिश्तों
की कद्र और उनकी महत्ता को वो भूल चूका है।
वह इतना स्वार्थी हो गया है की दूसरे के
अहित करने मे पल भर का समय न गवाता है। दूसरे का जीवन बर्बाद क्यूँ ना हो जाय उसके
कारण। आज दुनिया मे लोगों के मन में लोभ और विचार इतने कटु हो चुके हैं,
जिसकी कोई सीमा ही नहीं है। रिश्तों की मदुरता कंही खो सी गई है। जब तक मन से रिश्तों को मान नहीं दोगे, वो कभी भी फलीभूत नहीं होगा।
हम आशा करते हैं, कि आपको रिश्तों की सच्चाई के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर अभी भी प्यार को लेकर आपका कोई सवाल है तो आप बेझिझक कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें ताकि आप सभी को अच्छी और सही जानकारी मिल सके।