जिंदगी की सच्चाई, क्या आप वाकई में कामयाब हैं?
Truth of Life, Are You Really Successful in Hindi
दोस्तों आज हम आपके सामने एक बहुत बड़ा सवाल रख रहे हैं की
क्या आप असल मे जीवन मे कामयाब हैं, इसका जवाब तो केवल आप ही अपने मन के अंदर ही
देख सकते हैं, अक्सर बहुत से लोग सोचते हैं कि आदमी की कामयाबी उसके पैसे से आंकी
जाती है जबकि ऐसा बिलकुल भी सत्य नहीं है, कोई भी बड़ा और पैसे वाला आदमी अपने जीवन
मे कामयाब हो, जरूरी नहीं है,
मतलब उसकी धन सम्पदा को
कामयाबी से टोला जाता है,यदि ऐसा होता तो आज के समय में हर अमीर व्यक्ति खुश होता, ये बिल्कुल भी सत्य नहीं है, क्यूंकि
अगर अमीर आदमी सच में खुश होता तो उसे जीवन मे परेशानी, किसी भी बात की चिंता,
बिमारियों से दूर, ये सब लक्षण पाये जाते।
वरन ये कहना उचित होगा जो व्यक्ति अपने कर्मो से ख़ुश, संतोष को प्राप्त करता है, वो ही जीवन में सच्ची कामयाबी का स्वाद चख़ता है, कहा जाए कि जिसके पास ये सबकुछ है वो खुश नहीं है, परेशान रहता है, जितना ज्यादा जो अमीर है, उतना ही उसका सुकून, चैन, रात की नींद, और मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ता है, तब भी लोग यही बोलेंगे जो जितना अमीर है वो उतना ही कामयाब और ख़ुश है।
वास्तव मे धन सम्पदा जीवन जीने के लिये जरूरी हैं, परन्तु ये जीवन जीने के साधन हैं, इनको ही हम कामयाबी का श्रोत मान लें ये हमारी भूल होगी, इस में कोई बुराई नहीं है, बल्कि जिन लोगों ने इनका सही तरीके से जाना नहीं वो जीवन मे पछताये हैं।
वरन ये कहना उचित होगा जो व्यक्ति अपने कर्मो से ख़ुश, संतोष को प्राप्त करता है, वो ही जीवन में सच्ची कामयाबी का स्वाद चख़ता है, कहा जाए कि जिसके पास ये सबकुछ है वो खुश नहीं है, परेशान रहता है, जितना ज्यादा जो अमीर है, उतना ही उसका सुकून, चैन, रात की नींद, और मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ता है, तब भी लोग यही बोलेंगे जो जितना अमीर है वो उतना ही कामयाब और ख़ुश है।
वास्तव मे धन सम्पदा जीवन जीने के लिये जरूरी हैं, परन्तु ये जीवन जीने के साधन हैं, इनको ही हम कामयाबी का श्रोत मान लें ये हमारी भूल होगी, इस में कोई बुराई नहीं है, बल्कि जिन लोगों ने इनका सही तरीके से जाना नहीं वो जीवन मे पछताये हैं।
दुनिया उनको याद रखती
है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन दूसरों के लिये समर्पित कर दिया, और उनके पास सब कुछ
था वो चाहते तो आराम से अपना जीवन जी सकते थे, परन्तु उनको जीवन में दूसरे लोगों
के लिये कुछ करना था, तबी वो आज भी अमर हैं अपने किये गये कार्यों से उन्होंने
हमारे समाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, हमे जीवन का
सही अर्थ दिया है।
हम इन सभी बड़े-बड़े व्यक्तित्वों के जीवन के बारे में जानकर उनसे आदर्शों से प्रभावित तो होते हैं, लेकिन क्या सचमुच में हम बनना किनकी तरह चाहते हैं ?
आज हम अपने आसपास जो भी लोग रहते हैं
उनसे ज्यादा धनवान और ताकतवर बनना चाहते हैं, दूसरों पर अधिकार जमाना चाहते हैं, ज्यादा धनवान
दिखते हैं, ज्यादातर लोगों की सोच
यही है कि अगर हम ऐसा करेंगे तो हमारी एक अच्छी छवि दिखेगी! हम असल मे जीवन मे
आरामदायक और उच्च शिखर पर रहना चाहते, बिना कुछ किये सब हमारा सम्मान करें हमारी
यही आशा होती है, जबकि ये पूर्णतया गलत है।
सही मायनों मे कामयाबी क्या है? इसका जवाब ना किसी के पास है और ना ही कोई दे सकता है, हां हम इतना ही कहेंगे की इसका जवाब सही तरीके से जवाब ढूंढा जाए, तो निश्चय ही इस सवाल का जवाब हमे जरूर मिल जायेगा। अपने जीवन में मिली ख़ुशी को कामयाबी से जोड़ने का प्रयास करें, हाँ इतना जरुर ध्यान रहे वो ख़ुशी किसी को दुःख पहुंचा कर ना प्राप्त की हो।
जीवन कभी भी स्थायी नहीं होता, इसलिए कुछ देर सोचने के बाद आप जंहा थे वहीं आ जाते हो। ये प्रक्रिया ऐसे ही चलती रहती है। एक समय ऐसा आता है, जब आप अपनी ख़ुशी को प्राप्त करने के पीछे सब कुछ छोड़ कर दुनिया की दौड़ मे शामिल हो जाते हो, जो कि सत्य नहीं होता, तब चाहे वो ख़ुशी किसी भी वजहों से मिली हो।
असल मे जिन्हें आप कामयाब समझते हैं, हकीकत में वे बहुत ही दयनीय जीवन जीते हैं। वो जितना भी बाहर बेहरत दिखने का प्रयास करें, सच्चाई यही है वो उतना ही अंदर से पीड़ित और प्रेषण होते हैं, उनके परिवार की स्थिति ठीक नहीं होती, जीवन मे वो ऐसी दौड़ दोड़ते हैं, जिसका कभी भी अंत नहीं होता, उनकी जिन्दगी खत्म हो जाती है, लिकिन दौड़ नहीं।
सच्ची, कामयाबी खुशी का नाम है। कामयाबी काअसली मतलब तभी समझ आएगा जब आप अपने भीतर झांकेंगे और अपनी खुशी को पहचान पाएंगे। बाहर की दुनिया बहुत झूठी है, समय के साथ आप को पता चलेगा कि सच्ची ख़ुशी हमारे अंदर ही है, और जो इस ख़ुशी को पहचान गया वो ही अपनी कामयाबी और जीवन को अच्छी तरह जी सकता है।
सही मायनों मे कामयाबी क्या है? इसका जवाब ना किसी के पास है और ना ही कोई दे सकता है, हां हम इतना ही कहेंगे की इसका जवाब सही तरीके से जवाब ढूंढा जाए, तो निश्चय ही इस सवाल का जवाब हमे जरूर मिल जायेगा। अपने जीवन में मिली ख़ुशी को कामयाबी से जोड़ने का प्रयास करें, हाँ इतना जरुर ध्यान रहे वो ख़ुशी किसी को दुःख पहुंचा कर ना प्राप्त की हो।
जीवन कभी भी स्थायी नहीं होता, इसलिए कुछ देर सोचने के बाद आप जंहा थे वहीं आ जाते हो। ये प्रक्रिया ऐसे ही चलती रहती है। एक समय ऐसा आता है, जब आप अपनी ख़ुशी को प्राप्त करने के पीछे सब कुछ छोड़ कर दुनिया की दौड़ मे शामिल हो जाते हो, जो कि सत्य नहीं होता, तब चाहे वो ख़ुशी किसी भी वजहों से मिली हो।
असल मे जिन्हें आप कामयाब समझते हैं, हकीकत में वे बहुत ही दयनीय जीवन जीते हैं। वो जितना भी बाहर बेहरत दिखने का प्रयास करें, सच्चाई यही है वो उतना ही अंदर से पीड़ित और प्रेषण होते हैं, उनके परिवार की स्थिति ठीक नहीं होती, जीवन मे वो ऐसी दौड़ दोड़ते हैं, जिसका कभी भी अंत नहीं होता, उनकी जिन्दगी खत्म हो जाती है, लिकिन दौड़ नहीं।
सच्ची, कामयाबी खुशी का नाम है। कामयाबी काअसली मतलब तभी समझ आएगा जब आप अपने भीतर झांकेंगे और अपनी खुशी को पहचान पाएंगे। बाहर की दुनिया बहुत झूठी है, समय के साथ आप को पता चलेगा कि सच्ची ख़ुशी हमारे अंदर ही है, और जो इस ख़ुशी को पहचान गया वो ही अपनी कामयाबी और जीवन को अच्छी तरह जी सकता है।
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