अच्छी सोच हिंदी कहानी (Achi soch story in Hindi)
एक बार की बात है, एक महात्मा अपने
कुछ शिष्यों के साथ यात्रा कर रहे थे, बहुत देर चलने के बाद उन्होंने एक स्थान मे
विश्राम करने के लिये रुक गये, वन्ही पास मे रहने वाले गावं वालों ने देखा की महात्मा अपने कुछ शिष्यों के साथ विश्राम कर रहे हैं, वो सभी गावं वाले आये और उनकी बहुत सेवा की और एक दिन उनके
साथ रहने के लिये बोला, महात्मा जी ने उसनका प्रताव स्वीकर कर लिया और एक दिन तक उनके
साथ ही रहे।
जब वो महात्मा जाने लगे तो उन्होंने उन सभी गावं वालों को आशीर्वाद
दिया “बिखर जाओ”. और वंहा से चले गये। ऐसे ही वो बहुत देर चलने के बाद
दूसरे गाँव के पास रुके पर विश्राम करने लगे, उस गाँव के लोगों ने उनकी कोई सेवा
नहीं की और उनको बुरा भला बोल कर चले गये, फिर महात्मा
जाने लगे तो उन्होंने उन सभी गावं वालों को आशीर्वाद दिया “एक साथ रहो”।
इस बात पर उनके एक शिष्य ने पूछा
गुरु जी जिन्होंने आप की सेवा की उनको आप ने आशीर्वाद दिया “बिखर जाओ” और
जिन्होंने आप को सम्मान और आदर तक नहीं किया उनको आप ने आशीर्वाद दिया “एक साथ रहो”,
आपने ऐसा क्यों आशीर्वाद दिया।
तब महात्मा जी बोले, जिन गाँव
वालों ने मुझे आदर दिया उनको मै ने बोला “बिखर जाओ”, ऐसा इसलिये वो सभी लोग अच्छे
थे, और अपनी अच्छाई से बाकी समाज को भी अच्छा बनायेंगे, और जिन गाँव वालों ने मुझे
आदर नहीं दिया उनको मै ने बोला “एक साथ रहो”, ऐसा इसलिये वो बुराई का कारक थे, और
बुराई एक जगह ही सिमित रहे तो वो समाज मे नहीं फेलेगी, और उनका समूल नाश हो
जायेगा।
सीख : हमे हमेशा अच्छाई अपने जीवन मे अपनानी चाहिये ताकि हम समाज में अच्छाई ही फैलायें।
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Nice thoughts...ND story also
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