ऐसे बनाये अपने रिश्ते को मजबूत (Best Relationship Tips in Hindi)
बहुत सारे लोगों ने सवाल पूछा है। कि हमारा सालों पुराना रिश्ता टूट गया। हमने आपस में इतनी कसमें खाई थी, इतनी वादे किये थे, इतनी यादें साथ मे जी थी अपने रिश्ते में, और फिर भी इतने सालों पुराना रिश्ता भी टूट गया। हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारा रिश्ता कभी टूट भी सकता है। इस चीज के लिए हम कभी तैयार ही नहीं थे और आज जब यह रिश्ता टूट गया है। तो हम बहुत तकलीफ से गुजर रहे हैं।
आखिर क्यों ऐसा होता है, जो इंसान हमसे आखरी
सांस तक साथ निभाने की बातें करता है। वो ही इंसान हमे बीच राह में हमारा साथ छोड़
देता है। हमारा हाथ छोड़ देता है। और इसके
लिए हमे लगता है, कि सारी दुनिया में बस यही इंसान एक अपना है, और एक दिन वो ही हमे
बता देता है कि वह हमारा कभी था ही नहीं।
अगर आप भी अपने रिश्तों को बहुत अच्छा बनाना चाहते तो को यह ये बातें हमेशा याद रखें। ये बातें जो हम आज आपको बता रहे हैं, उन बातों का रहना हर रिश्ते में जरूरी होता है। और ये बातें दोनों तरफ से होनी चाहिए।
1.रिश्तो में शर्ते:-
कभी भी रिश्तो में किसी भी प्रकार की शर्ते
नहीं होनी चाहिए। जहां पर रिश्तो में शर्त नज़र आने लगती हैं। वंहा पर हम रिश्तो की
उम्र कम कर देते हैं। रिश्ते मे कभी भी ऐसा नहीं होना चाहिये।
जैसे अगर तुम मेरे हिसाब से चलोगे,अगर तुम
मुझे ही चीज देते रहोगे। तभी हमारा रिश्ता चल पाएगा।जहां पर लोग अपने रिश्ते में
ऐसा करते हैं, वहां पर रिश्ते थोड़े दिन तक ही चल पाते हैं। थोड़े दिन के बाद वही शर्तें
रिश्तो को तोड़ कर रख देती है। इसका मतलब यह नहीं है, कि प्यार में कोई नियम नहीं
होना चाहिए।
इसका सिर्फ इतना सा मतलब है, कि अगर कोई इंसान किसी दुसरे के रूप सुन्दरता को
देखकर उस से रिश्ता जोड़ लेता है। या तो किसी के पैसों को देखकर उस से अपना रिश्ता
जोड़ लेता है, तो उस रिश्ते की उम्र बहुत
ज्यादा लंबी नहीं हो सकती है।
2. सच्चाई:-
एक रिश्ते को सबसे मजबूत बनाने के लिए सबसे
ज्यादा जरूरी है, वह है “सच्चाई”। अक्सर कई बार देखा जाता है कि लोग अपना बीता हुआ
कल के बारे में बताना नहीं चाहते है। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिये। बहुत से लोग जब
रिश्तों में होते हैं, तो उनको इस बात का पता बहुत देर से चलता है।
हमेशा याद रखें जो रिश्ता झूठ से शुरू हुआ
होता है। आगे दिनों में उसकी सच्चाई का पता चल ही जायेगा। झूठ कितना भी चले एक दिन उसका
भेद खुल ही जायेगा। जिनके भी रिश्तेझूट से बने होते हैं उनको एक दिन खत्म होना ही
पड़ता है।
उन्हें बाद में यह एहसास हो जाता है, कि
वह इंसान ही झूठा था। उसकी तरफ से यह रिश्ता ही झूठा था। इसीलिए तो रिश्ता टूटा।
अगर रिश्तों में सच्चाई होती, अगर दो लोग एक दूसरे के साथ सच्चे हैं, तोआपके
रिश्ते को ना तो छोटी मोटी बातें तोड़ पायेंगी। आप हर मुश्किल मे एक दुसरे के साथ,
मुश्किल का समय भी आराम से पार कर लोगे।
3. मुश्किल वक्त में एक दूसरे के साथ खड़े रहना:-
कहते हैं कि सुख़ में तो सारी दुनिया आपके
साथ होती है। जो दुख में आपका साथ निभाए वही आपका सच्चा साथी होता है। और जो दुख के
वक्त में आप को दुखी देख कर भाग जाए आपको अकेला छोड़कर चला जाए वह आपका सच्चा साथी
कभी हो ही नहीं सकता कहता है। ना धीरज, धर्म, मित्र और नारी “आपद काल” में ही इनकी परख होती है।
आपके अंदर धीरज कितना है। उसकी परीक्षा
मुश्किल वक्त में होती है। आपका कोई दोस्त आपके साथ कितना सच्चा है, वह मुश्किल
वक्त नहीं पता चलता है। और कोई स्त्री आपके साथ कितनी सच्ची है, वह भी मुश्किल
वक्त में ही आपको पता चलता है।
4. रिश्तो की कमियां:-
अपने रिश्तो की कमियां दूसरों को कभी भी ना
बताएं। अगर आप अपने रिश्तो की कमियां
दूसरों को बता देंगे। और आप दूसरों से सलाह लेते हैं, या दूसरों से पूछते हैं। तो आपके
रिश्तो में भी चाहे या अनचाहे दरार आ ही जाती है। एक बात आपको हमेशा याद रखना
चाहिये आपके रिश्ते को आप से बेहतर दुनिया में और कोई समझ ही नहीं सकता।
इंसान का स्वभाव होता है, जब वह किसी को
अपनी बात बताता है, ना तो खुद को सही दिखा पाता है। और हमेशा दूसरे को गलत ही
दिखता है। ऐसे में होता क्या है, कि दूसरे लोग आप को सही साबित कर देते हैं, और
आपके साथी को गलत। और इसकी वजह से भी रिश्तो में दरार पड़ जाती है। आपके रिलेशनशिप
में कोई भी प्रॉब्लम हो, चाहे कोई भी रिश्ता हो दोस्ती का हो, प्यार का हो, पति
पत्नी का हो, सास बहू का या दो भाइयों का।
कोई भी रिश्ता हो पर अपने रिश्तो की बात बाहर
वालों को गलती से भी ना बतायें। क्योंकि कभी भी आपको दुसरे से सही सलाह नहीं मिलने
वाली।
5. प्यार का एहसास:-
वक्त बीतने पर अपने प्यार का एहसास एक
दूसरे को दिलाते रहे। मानव का मन ऐसा है, कि जैसे जैसे उसके रिश्ते पुराने हो जाते
हैं। तो वह अपने प्यार को दिखाना और जताना भूल जाता है। प्यार को कोई मायने ही नहीं
देता। यह शिकायत अधिकतर शादीशुदा लोगों में ज्यादा होती है।
लोगों को लगता है कि शादी के बाद प्रेम
दिखाने की कोई जरूरत नहीं होती। वास्तविकता में प्रेम की सबसे ज्यादा जरूरत आपको
शादी के बाद बढ़ती है। क्योंकि सब दो लोग एक ही छत के नीचे एक साथ रहते हैं।
उस समय बहुत जरूरत है एक दूसरे का विश्वास
जीतने की और एक दूसरे को अपने प्यार का एहसास दिलाने। और इसी से ही आपके रिश्तो को
चाहे कितने भी साल क्यों ना बीत जाए। प्यार से आपका रिश्ता हमेशा नया बना रहता है।
जब किसी रिश्ते में बहुत ज्यादा बंधन आ जाता है, तो उस रिश्ते में जुड़े लोगों का
दम घुटने लगता है। ऐसा नहीं करो, ऐसा नहीं करो, मेरे साथ रहना है, तो ऐसा करना ही
होगा, ऐसे चलना ही होगा।
यह सारी चीजें अगर किसी रिश्ते में आ जाती
है ना तो उस रिश्ते का अंत निश्चित है। वो रिश्ते ज्यादा दिन नहीं चलने वाला।
इसीलिए कभी भी कठोर ना बने। किसी को भी
बहुत ज्यादा बांधने की कोशिश ना करें। इसका मतलब यह नहीं कि, आप किसी को उसके भले
या बुरे के बारे में ना बताएं या ना समझाएं। किसी को बताना और समझाना अलग बात है,
पर किसी के ऊपर शक्ति से जबरदस्ती नियम लागू कर देना बंधन लगा देना। दोस्तों यह
बंधन रिश्तों को तोड़ कर रख देता है।
6. ईमानदारी:-
अगर आप अपने रिश्ते में ईमानदार नहीं है,
तो ना उस रिश्ते में कभी भी मजबूती नहीं आ
सकती है। ऊपर से भले वह दो लोग मिल
जाएं और आत्मा से दिल से कभी मिल नहीं पाते और जो रिश्ता आत्मा से नहीं जुड़ा ना हो।
वह रिश्ता बहुत ज्यादा मजबूत नहीं होता।
अगर कोई इंसान रिश्तो में धोखा देकर यह
सोचता है कि सामने वाले को पता नहीं चलता तो यह उसकी भूल है। आपकी गलतियां, आपका
धोखा आज नहीं तो कल दुसरे को जरूर से पता चल जाएंगी और जिस दिन उसे यह सारी बातें
पता चलेंगी। आपका रिश्ता बिखर कर रहे हो जाएगा। इसीलिए अगर आप अपने रिश्तो की उम्र
लंबी करना चाहते हैं। तो एक दूसरे के साथ दोनों जन ईमानदार रहें।
7. समझना:-
आप भी एक दूसरे को समझे। किसी की भी बातों
में ना आ जाए। कुछ भी देख लिया, कुछ भी सुन लिया। उस पर आँख बंद करके विश्वास न
करें। जितना आप एक दूसरे को समझेंगे, उतना एक दूसरे को खुश रख पाएंगे। और जितनी कम
समझ उतना ही असफल रिश्ता। इतनी ज्यादा समझना, उतना ही सफल रिश्ता।
8. मज़बूरी:-
कई बार हम से बहुत सारे रिश्ते जुड़े हुये
तो रहते हैं, पर मजबूरी की वजह से या फैमिली प्रॉब्लम की वजह से, समाज की वजह से
हम अपनी खुशी की वजह से जुड़े नहीं होते हैं।
हमारा बस चले तो जीवन में मजबूरी है,
परेशानियां है, उसकी वजह से हम रिश्ता निभा रहे हैं। या ये रिश्ता होना या ना होना
एक बराबर है। जो किसी मजबूरी से या परेशानी से चल रहा है, और इसके लिए बहुत जरूरी
है, आप जितना दुसरे को समझ पाएंगे। उतना ही एक दूसरे पर विश्वास कर पाएंगे। और उतना ही एक
दूसरे के साथ खुश रह पाएंगे।
9. खुलकर बात करना सीखें:-
कई बार हम सभी एक दूसरे को सारी बातें कह
नहीं पाते, पर आपको यह नहीं पता कि आपका यह बात अंदर ही अंदर खा जायेगा। जितना आप
एक दूसरे को खुद के बारे में खुल कर बताएंगे उतनी ही आपकी एक दूसरे के लिए समझ
बढ़ेगी।
उतना ही गहराई से आप दूसरे को समझ पाएंगे।
इंसान को समझने के लिए एक छत के नीचे रहना काफी नहीं होता है। उसे उसकी आत्मा से
समझना पड़ता है। तभी समझ में आता है, कि वह वास्तव में है क्या है?
एक इंसान अपने आप में पूरी दुनिया के
बराबर होता है। आसान काम नहीं है, किसी इंसान को ऐसे समझना। बहुत बार देखा जाता है
लोग रिश्तों में तो रहते हैं लेकिन एक दुसरे को समझ नहीं पाते। यह बहुत ज्यादा जरूरी है आप पूरी
तरह से खुलकर बातें करें और इससे आप दोनों में विश्वास बढ़ेगा और रिश्ते में
विश्वास मजबूत होगा।
10. रिश्ते दिल से निभाओ:-
रिश्ते को दिमाग से नहीं दिल से निभाना
सीखो। जैसे हम दुनिया के साथ चलते हैं। वो बातें रिश्तों में कभी भी ना करें। यह बातें
दूसरों के साथ होती है कि जब वह हमारे साथ चलेंगे, तो हम भी उनके साथ वैसे ही चलेंगे।
रिश्तों में ऐसा नहीं चलता है। कई बार
हमारी गलती ना भी हो, तो भी हमे माफी मांग लेनी चाहिये। अगर वह इंसान हमारे लिए
इतना प्यारा है, कि वह इंसान भी हमसे कभी कभी माफी मांग लेता है, तो हमे भी ऐसा ही करना
चाहिये।
दुनिया में सीधा गणित होता है, और जो दिल
के करीब होते हैं, उनके साथ में गणित नहीं चलता।
आगे समय में कुछ भी हो सकता है, बहुत
जरूरी है आप अपने रिश्तो में सरल बंद कर रहे हैं। दुनिया के हिसाब से ना चलें। और
आप अपना दिमाग लगाकर कर नहीं दिल से चलिए। रिश्तों को फायदे और नुकसान से ऊपर उठकर
जीना शुरु कर दें।
अगर किसी भी रिश्ते में ऊपर बताई गई बातें
होंगी। तो वो रिश्ता कभी नहीं टूट सकता। ऐसे रिश्ते को ना तो कोई गलतफहमी तोड़
सकती है, और ना कोई कमी तोड़ सकती है। और ना ही कोई मजबूरिया परेशानी तोड़ सकती है।
यह जो बातें आज हमने आपको बतायी हैं। ये बातें दुनिया के हर रिश्ते पर लागू होती
है, चाहे वो दोस्ती का हो या चाहे वह प्यार का, हो चाहे वह परिवार का हो, दो
भाइयों का हो, दो बहनों का। रिश्ते तभी चल पाते हैं, जब उस रिश्ते में जुड़े लोग
उस रिश्ते को निभाना जानते हों।
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