सफल होने का मंत्र | Success Mantra in Hindi

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सफल होने का मंत्र (Success Mantra in Hindi)

Success Mantra in Hindi: दोस्तों ये दुनिया झूठ से भरी पड़ी हुई है, यंहा कदम कदम पर आपको धोखा देने वालों की लाइन लगी हुई है। क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा झूठ क्या है? जिसको कि आज हम आपसे बातें करेंगे। आप रोज अच्छी बातें पढ़ते हैं, कुछ लोग तो सत्संग भी सुनते हैं, महापुरुषों के विचार पढ़ते हैं और आप अच्छे लोगों से मिलकर ज्ञान की बातें भी सीखते और सुनते भी हैं। 

लेकिन आप ख़ुद सोचना क्या इन सब चीजों को करने से हमारे जीवन में कोई भी बदलाव आयेगा? हमे तो लगता है, इससे कुछ भी नहीं होता।

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हम सोचते हैं कि किसी महापुरुष की बातें सुनने से या अच्छी अच्छी किताबें पढ़ने से हमारे जीवन में बदलाव आयेगा तो दुनिया में इससे बड़ा झूठ और इससे बड़ा भ्रम कोई दूसरा नहीं है। कोई बाहर से आयेगा और हमें कुछ ज्ञान की बातें बतायेगा और हम अपना जीवन को बदल लेंगे, इस भ्रम में कभी मत रहना।

अगर किसी महापुरुष के कहने से ये दुनिया बदल जाती तो ईश्वर को बार बार धरती पर जन्म क्यों लेना पड़ता?

एक राम ही काफी थे..

एक कृष्ण ही काफी थे..

या एक महावीर ही काफी थे..

या एक बुद्ध ही काफी थे..

लेकिन सच आपसे हमेशा छुपाया जाता रहा है, यदि आपको सफल होना है, तो सबसे पहले आपको खुद अपने आप को बदलना होगा। आप क्या पढ़ते हो ? क्या देखते हो ? क्या सुनते हो ? इससे आपकी जिंदगी कोई फर्क नहीं पड़ता। फर्क पड़ता है कि आप किस बात को अपने जीवन में उतारते हो। आप जिस बात को अपनाओगे वैसे ही हो जाओगे।

देखा जाये तो गौतम बुद्ध और आप में कोई फर्क नहीं है। जो ईश्वर रूपी अंश आत्मा महात्मा बुद्ध के अंदर था वही आपमें है। वही प्राण है और वही मन की चेतना। सब कुछ समान है, हमको बनाने वाला भी एक ही है। उसे बनाने वाले ने अपनी तरफ़ से कोई नहीं छोड़ी है। इसका मतलब इस दुनिया में सब कुछ देकर आपको भेजा है।

बस एक चीज़ का फर्क है – बुद्ध ने कुछ बातों को अपना लिया था और हम इस दुनिया के माया जाल से कभी निकाल ही नहीं पाये, इसीलिये आपने सही बातों को सिर्फ एक कान से सुना और दूसरे से निकाल दिया और इसी का परिणाम है कि आज भी हम अंधकार में भटक रहे हैं। बस इतना सा ही फर्क है आपमें और बुद्ध में।

गौतम बुद्ध ने पहले खुद को पहचाना और फिर सत्य की तलाश में घर तक छोड़ दिया, और अंततः उनको ज्ञान की प्राप्ती हुई जिसे उन्होंने अपना लिया और हम सिर्फ सुनकर या पढ़कर ही अपने जीवन में बदलाव होने की कामना करते हैं।

आपके घर में चाहे कितने भी इन्वर्टर या जेनेटर लगवा लो, लेकिन जब तक आप स्विच ऑन नहीं करेंगे तब तक बल्व नहीं जलेगा। ठीक उसी तरह आप कितनी भी ज्ञान की बातें पढ़ लो या सुन लो जब आपके अंदर से आपका मन उसे स्वीकार नहीं करेगा  तब तक आपके जीवन में कुछ भी बदलाव नहीं होगा, आप जैसे कल थे आप आगे भी वैसे ही रहेंगे।

कल से निकल कर, आज में जीना शुरु करिये। पुराने विचारों को त्याग कर नए विचारों को अपनाइये, जिनसे आपके जीवन में बदलाव आयेगा और आप जीवन में किसी भी कठनाई के समय घबराएंगे नहीं। खुद की क़ाबलियत को पहचान कर, उनके अनुरूप कार्य करें, तभी आपमें बदलाव आएगाऔर सफलता मिलेगी।

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